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आपदा या बड़े खतरे की दस्तक-- एस. श्रीनिवासन

चक्रवाती तूफान गाजा बीते 16 नवंबर को तमिलनाडु में नागपट्टिनम और वेदारण्यम के तटीय जिलों से टकराया, और अपने पीछे सात दशकों की सबसे बड़ी तबाही के निशान छोड़ गया। इसे ‘गंभीर चक्रवाती तूफान' माना गया, जिसका अर्थ है कि हवा की गति प्रति घंटे 89 से 118 किलोमीटर थी। इसमें तेज हवा के साथ भारी बारिश भी हुई, जिससे तमिलनाडु के दर्जन भर जिले प्रभावित हुए। इस तूफान...

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प्राथमिकता नहीं है पर्यावरण-- ज्ञानेन्द्र रावत

पर्यावरण क्षरण का प्रश्न आज समूचे विश्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है. कई रिपोर्टों, वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने रेखांकित किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उपजे खराब मौसम से प्रलयंकारी घटनाएं बढ़ेंगी. तेजी से बढ़ते तापमान के चलते गर्मी में लोगों की मौत का सिलसिला बढ़ेगा. ग्लेशियरों का पिघलना तेज होगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. ऐसे में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना आसान नहीं...

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45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला

रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...

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जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा-- विक्रम सिंह

जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल यानी आईपीसीसी ने पिछले दिनों दक्षिण कोरिया के इंचियोन शहर में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दूरगामी प्रभाव से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आपात स्तर पर तत्काल प्रयास करना चाहिए। पैनल का मानना है कि अगर मौजूदा दर से ग्लोबल वार्मिंग यानी वैश्विक तापमान बढ़ता रहा, तो साल 2030 से 2052 के बीच तापमान-वृद्धि 1.5...

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ढहता हिमालय व गलते ग्लेशियर-- मृणाल पांडे

अगस्त का महीना देश के कई हिस्सों में तबाही लाया. केरल और हिमालयीन इलाके उससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. केरल की उफनाती बाढ़ के नजारे हमने देखे. इसी बीच खबर आयी कि शिमला में कई भवन टूट गये और नैनीताल में लोअर मालरोड झील में समा गयी. बसों का खड्डों में गिरना और उफनते नालों में बह जाना तो लगभग रूटीन हो चला है. यह आनेवाले समय के...

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