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भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात

-डाउन टू अर्थ, यह कहानी 27 जुलाई 1985 की दोपहर की उस बातचीत से शुरू होती है, जिसकी याद के साथ फनस पुंजी आज तक जी रही है। उनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, उस बातचीत की आवाजें उनके कानों में और गूंजने लगती हैं। अब वह 70 साल की हैं और 37 साल पहले की वह बातचीत उनकी इकलौती स्मृति है। जैसे कि उनके जीवन में उसके अलावा और कोई बात...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

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गुमराह करने वाले हैं देश के श्रम में महिलाओं की भागीदारी के सरकारी आंकड़े

-कारवां, दुनिया भर के देशों में हुए हाल के अध्ययनों में कोविड-19 महामारी के महिलाओं के जीवन पर पड़े विषम प्रभावों का पता चलता है. हालांकि पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही लिए रोजगार के अवसर कम हुए हैं और रोजगार की क्वालिटी भी गिरी है, लेकिन श्रम बाजार में महिलाओं की स्थिति मर्दों के मुकाबले पहले से कहीं अधिक असुरक्षित हुई है. विश्व आर्थिक मंच की “दि ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट...

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लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह गई थी स्लमों में रहने वाली दो-तिहाई किशोर बच्चियां

-डाउन टू अर्थ, लॉकडाउन के दौरान दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र और तेलंगाना के शहरों में करीब 68 फीसदी किशोर बच्चियों को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सेवाएं और सुविधाएं नहीं मिल पाई थी। यह जानकारी 02 मार्च 2022 को सेव द चिल्ड्रन द्वारा जारी रिपोर्ट ‘वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स (विंग्स) 2022’ में सामने आई है। इतना ही नहीं लॉकडाउन के बाद (नवंबर 2020 से जनवरी 2021) भी करीब 51 फीसदी से ज्यादा बच्चियों...

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पंजाब के दलित: चुनाव में दिखे जरूर, मगर असल मुद्दे गायब रहे

-गांव सवेरा,  पंजाब विधानसभा चुनाव में भाग ले रहे मुख्य राजनीतिक दल प्रचारात्मक तौर पर दलितों को चुनाव में इस बार अधिक हिस्सेदारी की इश्तेहारी कर रहे हैं. शुरूआत पिछले साल भाजपा ने यह घोषणा कर की थी कि अगर वह जीतते हैं तो वे एक दलित मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री बनाएंगे. कांग्रेस ने आचार संहिता लगने से ठीक 111 दिन पहले दलित समुदाय के राजनेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना...

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