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पहले विकास का पहिया चलाइए- तवलीन सिंह

पिछले कुछ महीनों से ऐसा लगने लगा है जैसे हर हफ्ते किसी न किसी बहाने किसी न किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की मांग गूंज उठती है विपक्ष से। सो, पिछले हफ्ते बारी आई वित्तमंत्री की आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से और प्रधानमंत्री को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए पागल, खतरनाक अपराधी कहा। अंगरेजी का शब्द ‘साइकोपैथ' का अनुवाद यही होता है। राज्यसभा के...

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सेहत और शिक्षा को न बनाएं धंधा-- राजीव रंजन झा

हम भारतीय आम तौर पर कुछ भी खरीदते हैं, तो मोलभाव जरूर करते हैं. मसलन, सब्जी खरीदनी हो तो जरूर पूछते हैं कि भई 40 रुपये किलो क्यों, बगल में 35 का दे रहा है, 30 की देनी है तो दो. लेकिन अगर कोई आपसे पूछे कि आपकी दो बड़ी ऐसी खरीदारी कौन-सी हैं, जिसमें आपने कोई मोलभाव नहीं किया, तो क्या जवाब देंगे? शायद आप कहेंगे कि सिनेमा टिकट...

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अच्छी सेहत से दूर होती आबादी- के सी त्यागी

नीति आयोग ने हाल ही में सार्वजनिक चिकित्सा क्षेत्र के खर्चे में कटौती करने को कहा है। आयोग ने इस क्षेत्र में हो रहे निवेश पर काबू पाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के तहत लोगों को नि:शुल्क मिल रही दवाइयों व अन्य सेवाओं को नियंत्रित करने की भी अनुशंसा की है। इसके अलावा आयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेशकों तथा बीमा कंपनियों को मुख्य भूमिका में लाने...

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हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव

भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...

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किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार

जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...

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