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भीमा कोरेगांव: अदालत ने डीयू प्रोफेसर हेनी बाबू को सात दिन की हिरासत में भेजा

-द वायर, भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को एक विशेष अदालत ने बुधवार को चार अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 28 जुलाई को 54 वर्षीय हेनी बाबू एमटी  को इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्हें बुधवार को मुंबई में एक विशेष...

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“एक बेहतर दुनिया की ओर”: मेधा पाटकर ने शुरू किया ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित युवाओं का नया अभियान

-न्यूजलॉन्ड्री, ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित हो कर अनेक युवाओं ने एक नया अभियान आरंभ किया- ‘एक बेहतर दुनिया की ओर’. प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने इस अभियान को जारी करते हुए देश-विदेश के युवाओं को याद दिलाया कि महात्मा गाँधी ने कहा था कि प्रकृति में इतने संसाधन तो हैं कि हर एक की ज़रूरतें पूरी हो सकें परन्तु इतने नहीं कि एक का भी लालच पूरा हो सके. सबके...

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बेरोजगारी का संक्रमण

-इंडिया टूडे हिंदी, विक्रम अपना मास्क संभाल ही रहा था कि वेताल कूद कर पीठ पर लद गया और बोला राजा बाबू ज्ञान किस को कहते हैं? विक्रम ने श्मशान की तरफ बढ़ते हुए कहा, युधिष्ठिर ने यक्ष को बताया था कि यथार्थ का बोध ही ज्ञान है. वेताल उछल कर बोला, तो फिर बताओ कि लॉकडाउन के बाद भारत में बेकारी का सच क्या है? विक्रम बोला, प्रेतराज, लॉकडाउन ने हमारी...

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खत्म होता उत्तर प्रदेश में पानी, सीएम योगी ने बताए बचाने के उपाय

-वाटर पोर्टल, भूगर्भ जल के गिरते स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि भूगर्भ जल के अतिदोहन के परिणाम हमें देखने को मिल रहे हैं। जल प्रकृति की अमूल्य संपदा है। प्रकृति के उपहारों के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता, नहीं तो उसकी बहुत बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी। हालांकि, उत्त्तर प्रदेश में भूगर्भ जल संरक्षण के लिए हो रहे काम पर उन्होंने संतोष...

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कोरोना के इस वैश्विक संकट के समय आज गांधी होते, तो क्या करते?

-लल्लनटॉप, आज का वैश्विक संकट तिहरा है. कोविड महामारी, गहन व्यापक आर्थिक मंदी और मानव अस्तित्व को खतरे में डालने वाला पर्यावरण परिवर्तन. इन सबके अलावा, ऐसी परिस्थिति में राह दिखाने वाले राजनीतिक और नैतिक नेतृत्व का दुनियाभर में अभाव है. इसलिए उत्तर तो कहीं और ही ढूंढ़ना पड़ेगा! महात्मा गांधी के सामने यह चुनौती खड़ी होती, तो उन्होंने क्या किया होता? इसका जवाब कहां खोजा जाए? यह तो वे खुद...

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