तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
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भ्रष्टाचार की संस्कृति में रचे-बसे हम - एनके सिंह
हर साल की तरह इस साल भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई। भ्रष्टाचार के वैश्विक पैमाने पर भारत अंकों के आधार पर वहीं खड़ा है। पिछले हफ्ते ऑक्सफेम सहित दुनिया की तीन आर्थिक विश्लेषण संस्थाओं ने बताया कि भारत में विगत 25 सालों में गरीब-अमीर की खाई खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर। हमने कानून बनाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे...
More »बच्चों की सेहत और पश्चिम बंगाल में पोरिबोर्तन की हकीकत!
‘पोरिबोर्तन' के नारे से बनी ममता बनर्जी की सरकार में चाहे और कुछ बदला हो लेकिन बच्चों की सेहत की दशा पश्चिम बंगाल में बहुत कम बदली है ! हाल ही में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पाँच साल से कम उम्र के लगभग बीस फीसद बच्चे ‘वेस्टिंग' के और ऐसे एक तिहाई बच्चे ‘अंटरवेट' तथा ‘स्टंटेड' श्रेणी के हैं. ( देखें नीचे दी...
More »सीएम ने दी थी तारीख इसलिए बंद डायलिसिस मशीनों का ही कर दिया लोकार्पण
प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीन तय तारीख (26 जनवरी) पर शुरू नहीं हो पाई। कुछ जिलों में मशीन इंस्टॉल करने के लिए कंपनी की ओर से इंजीनियर नहीं पहुंचे तो कुछ जगह अस्पताल प्रबंधन ही मशीन शुरू कराने के लिए जरूरी इंतजाम नहीं कर पाया। ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने 26 जनवरी को बंद मशीनों का ही लोकार्पण कर दिया। खासबात यह है कि सभी अस्पतालों को मशीनें...
More »आरटीआई से जमीन की जानकारी पर थमाए 9 हजार पेज के दस्तावेज
जयपुर। राजस्थान में उदयपुर के ऑटो रिक्शा चालक ने अपने पिता की डेढ़ बीघा जमीन के अधिग्रहण के बारे में जानकारी मांगी तो राजस्थान औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने प्रार्थी को नौ हजार पेज के दस्तावेज भेज दिए। इनका वजन करीब 39 किलो है। इस ऑटो रिक्शा चालक का नाम शांतिलाल है और यह गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है। पांचवी कक्षा तक पढ़ा हुआ है।...
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