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कॉप-27: सदी के अंत तक भारत के औसत तापमान में हो सकती 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हाल ही में जारी अनुमानों से पता चला है कि सदी के अंत तक भारत के वार्षिक औसत तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और जलवायु परिवर्तन की वास्तविक कीमत का आंकलन कर रहे शोध संस्थान क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। इस बारे में जारी नए आंकड़ों से पता चला है...

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पुरानी पवन चक्कियों की क्षमता बढ़ाने की नई नीति से कैसे बदलेगा ऊर्जा क्षेत्र

मोंगाबे हिंदी, 3 नवम्बर भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में पवन ऊर्जा को देश में बढ़ावा देने के लिए एक ड्राफ्ट नीति जारी की है। इस नीति का उदेश्य देश में पुरानी और कम क्षमता वाली पवन चक्कियों को आधुनिक और ज्यादा क्षमता वाली पवन चक्कियों से बदलने का है। भारतीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडबल्यूई) का एक आकलन कहता है कि देश में पवन ऊर्जा की...

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कश्मीर में किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही बादाम की खेती, दूसरी बागवानी फसलों की तरफ कर रहे हैं रुख

गाँव कनेक्शन, 3 नवम्बर कश्मीर के मीठे बादाम, जिनमें तेल की मात्रा अधिक होती है, 'मेवा के राजा' के रूप में जाने जाते हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार भारत में उत्पादित कुल बादाम का 91 प्रतिशत से अधिक जम्मू और कश्मीर में खेती की जाती है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश में नौ प्रतिशत की खेती की जाती है। लेकिन, कश्मीर के बादाम के बागों की जगह धीरे-धीरे सेब सहित अन्य...

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क्या है जो भारत में तैयार कर रहा है गरीब

डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर  संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचडीआई) द्वारा जारी नवीनतम वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 के मुताबिक भारत ने 2005-06 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी से करीब 41.5 करोड़ लोगों का उत्थान किया है। देखा जाए तो यह एक ऐतिहासिक बदलाव है। यदि इस सूचकांक, एमपीआई 2022 की बात करें तो यह आय संबंधी गरीबी के साथ-साथ तीन अन्य...

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर; पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका से भी पीछे

द वायर, 15 अक्टूबर भारत 2022 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) में 2021 के मुकाबले छह स्थान नीचे गिरकर 107वें पायदान पर पहुंच गया है. भारत की स्थिति अपने पड़ोसी देशों नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी बदतर है. रिपोर्ट आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ (Welthungerhilfe) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई है. रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को...

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