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मिनटों में दाल और फल की सेहत की हो जाएगी जांच, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने विकस‍ित की तकनीक

 हिंदुस्तान हिंदी न्यूज, 10 अक्टूबर बाजार में ठेले पर बिकने वाला फल और किराना की दुकानों पर मिलने वाली दाल आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है, इसकी जानकारी अब आपको बड़ी आसानी से चंद मिनट में मिल सकेगी। इसके लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के प्रो. केएन उत्तम ने नई तकनीक विकसित की है। यह शोध नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (नासी) के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नल नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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गरीबों के रसोईघरों में प्रदूषण का जानलेवा स्तर, बच्चों और बुज़र्गों को दूर रहने की सलाह

डाउन टू अर्थ, 4 अक्टूबर वैज्ञानिकों ने कहा कि विकासशील देशों में खाना पकाने के दौरान अन्य लोगों को अनावश्यक रूप से रसोई घर में नहीं रहना चाहिए। बच्चों और वृद्धों को रसोई से बाहर रखना चाहिए ताकि वायु प्रदूषण से होने वाले खतरों से उन्हें बचाया जा सके। यह सुझाव सरे विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में दिया गया है। सरे विश्वविद्यालय के ग्लोबल सेंटर फॉर क्लीन एयर रिसर्च (जीसीएआरई)...

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गंगा में प्रदूषण के मामले में तेजी से कार्रवाई करे यूपी सरकार, एनजीटी ने दिए निर्देश

अमर उजाला, 30 सितम्बर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को कानपुर जिले में टेनरियों से क्रोमियम-दूषित अपशिष्ट को उचित शोधन के बिना गंगा नदी में बहाए जाने के मामले में तेजी से कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही एनजीटी ने अधिकारियों को एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में कुछ...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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