मोंगाबे हिंदी, 13 सितम्बर राजस्थान में, 500 दिन पहले तस्करों से बचाई गई एक हथिनी अभी भी पुनर्वास के लिए उचित जगह का इंतजार कर रही है। इसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही है। दरअसल जहां इसे रखा गया है वहां बचाए गए हाथियों के इलाज के लिए उचित सुविधा नहीं है। अधिकारियों को नहीं पता कि आगे क्या होगा। 18 नवंबर, 2021 को, राजस्थान के वन विभाग ने राज्य की...
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इवेट बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों को मुआवजा देने से किया इनकार!
गाँव सवेरा, 11 सितम्बर हरियाणा में बीमा कंपनियों पर किसानों का एक हजार करोड़ से ज्यादा का फसल बीमा क्लेम बकाया है. फसल के मुआवजे को लेकर हरियाणा के अलग अलग जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है. फतेहाबाद में फसल मुआवजे की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के घर का घेराव करते नजर आ थे किसानों...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
More »मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना कितनी जरूरी?
डाउन टू अर्थ, 23 अगस्त आज से ठीक एक साल पहले तक सरजू देवी के पास 10 गाय थीं। उनका पूरा परिवार दूध के काम में लगा था, लेकिन सितंबर 2022 लम्पी बीमारी की वजह से उनकी छह गाय मर गईं। वर्तमान में बची हुई चार में से दो गाय ही दूध देती हैं। वहीं, चारा इतना महंगा हो गया कि दूध बेचने के बाद भी गाय को पालना उनके लिए...
More »रामसर साईट की दौड़ में पीछे छूटते बिहार के बड़े वेटलैंड्स, मानव निर्मित नागी-नकटी झील दावेदारी में आगे
मोंगाबे हिंदी, 17 अगस्त मई के आखिरी दिनों में बिहार की सबसे बड़ी झीलों या वेटलैंड (आर्द्र भूमि) में से एक बरैला ताल में जलस्रोत की तलाश करना काफी मशक्कत भरा काम था। बिहार के वैशाली जिले में स्थित बरैला ताल को उसके नाम के अनुरूप ताल के स्वरूप में तलाशने के लिए यह संवाददाता घंटों इस गांव से उस गांव भटकता रहा और लोगों से सवाल करता रहा कि यह...
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