जगदलपुर (ब्यूरो)। नक्सल दहशत के चलते अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी प्रदेशों में कई वर्षों से निर्वासित जीवन गुजार रहे दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को सुरक्षित उनके गांव लाकर फिर से बसाने की कवायद की जा रही है। गांव छोड़कर गए ज्यादातर ग्रामीण सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के हैं। लगभग 25 हजार आदिवासी कोंटा से सटे तेलंगाना के खम्मम व वारंगल जिले के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। आडिशा के...
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डॉक्टरों से लिया जाएगा 50 लाख का बॉण्ड
जयपुर,सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार अब डॉक्टरों से 50 लाख रूपए का बॉण्ड लेगी। यह बॉण्ड उन डॉक्टरों से लिया जाएगा जो सरकारी सेवा में रहते हुए डॉक्टरी में स्नातकोत्तर यानी पीजी करते है। इन डॉक्टरों को अब पीजी करने के बाद कम से कम पांच साल तक सरकारी सेवा में रहना होगा। राजस्थान में मेडिकल में पीजी करने वालों में सरकारी डॉक्टरों...
More »कमजोर मॉनसून के खिलाफ कसी कमर
नई दिल्ली। मॉनसून कमजोर पड़ने की खबरों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है। इससे निपटने के लिए बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री ने आकस्मिक योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और राज्यों के बीच नजदीकी समन्वय पर जोर दिया है। उन्होंने राज्यों से जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने व ऐसे मामलों की जल्द...
More »गरीबी और प्रधानमंत्री मोदी- विकास नारायण राय
जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
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