आखिरकार नए साल में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं ने सबरीमाला में प्रवेश करके अपने भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना करने में कामयाबी हासिल कर ली। उन्हें यह सफलता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद मिल पाई है। ऐसा लगता है कि केरल की वाम मोर्चा सरकार औरतों को इस मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए माकूल वक्त का इंतजार कर रही थी। जिन दो महिलाओं...
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पहले भी हो चुका है गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का प्रयास, लेकिन विफल रहा
स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की। साथ ही शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया। संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक आधार पर आरक्षण के प्रयास पहले भी किए गए, लेकिन वे विफल होते रहे हैं। जानिए- पहले विफल रहे...
More »‘आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं, नया विधेयक संविधान का उल्लंघन है’
नई दिल्ली: भारत सरकार के पूर्व सचिव पीएस कृष्णन सामाजिक न्याय के कई ऐतिहासिक कानूनों को लागू करने के पीछे महत्वपूर्ण लोगों में से एक थे. मोदी सरकार द्वारा नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने को लेकर उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान का उल्लंघन है और ये न्यायिक जांच का सामना नहीं कर सकता है. द वायर से बात करते हुए, कृष्णन ने कहा...
More »तय होती है सुधारों की जीत-- आकार पटेल
वर्ष 2016 में केरल में हुए विधानसभा चुनावों के फलस्वरूप वहां वाम मोर्चे की सरकार बनी. कांग्रेसनीत मोर्चे की पराजय हुई और उसके सात प्रतिशत मत उसके पाले से खिसक गये. यही नहीं, वाम मोर्चे की विजय के बावजूद उसके मतों में भी दो प्रतिशत की गिरावट आ गयी. दरअसल, मतों के ये हिस्से इन दो मोर्चों के समर्थन से खिसक कर जिस एक पार्टी के समर्थन में जा पड़े,...
More »लैंगिक असमानता के विरुद्ध- डा. अनुज लुगुन
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के आगरा में संजली नाम की एक लड़की को जलाकर मार देने की दहला देनेवाली घटना हुई. अपराधियों ने न केवल बेरहमी से लड़की को जलाकर मार डाला, बल्कि उनके परिवार वालों को फोन पर धमकी भी दी. अपराधियों को यह दुस्साहस कहां से आता है? आमतौर पर हम यह स्वीकार नहीं करते हैं कि इस तरह की घटनाओं के पीछे स्त्रियों के बारे में समाज...
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