मोंगाबे हिंदी, 17 अक्टूबर नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती हैं। यह उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। अंजुली भर पानी पीते हुए वह कहती हैं, “इस झरने के पाक (साफ़) होने के बारे में बताने के लिए इसका नाम ही काफी है। अस्तन का मतलब तीर्थ, और...
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अपर्याप्त क्लाइमेट फाइनेंस के बीच, परिभाषा पर जारी है विकासशील देशों का संघर्ष
कार्बनकॉपी, 15 अक्टूबर साल 2024 तक दुनिया को एक नया जलवायु वित्त लक्ष्य (क्लाइमेट फाइनेंस टार्गेट) निर्धारित करना है — यानि वह राशि जो विकसित देशों द्वारा गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दी जानी है। भारत की मांग है कि इसे सालाना 1 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाया जाए। यह दूर की कौड़ी है, क्योंकि विकसित देश पिछले दस वर्षों में 100 अरब डॉलर सालाना प्रदान करने में...
More »2035 तक दुनिया की आधी मूंगे की चट्टानों को खतरनाक परिस्थितियों का करना पड़ेगा सामना
डाउन टू अर्थ, 12 अक्टूबर मानवजनित गड़बड़ी दुनिया भर में पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भारी चुनौतियां खड़ी कर रही है। अगर जलवायु परिवर्तन बेरोकटोक जारी रहा तो पृथ्वी के लिए एक और बुरी खबर है। एक नए शोध से पता चला है कि दुनिया भर के आधे मूंगे की चट्टानें या कोरल रीफ पारिस्थितिकी तंत्र केवल 12 सालों में हमेशा के लिए खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बात...
More »अध्ययन में दावा-1990-2019 के बीच दुनिया की 1% आबादी के कारण 23% कार्बन उत्सर्जन बढ़ा
दिप्रिंट, 6 अक्टूबर कार्बन फुटप्रिंट अनुमान और आय असमानता के विश्लेषण पर आधारित एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि 2019 में 48 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए दुनिया की सिर्फ 10 फीसदी आबादी जिम्मेदार थी. इसके अलावा, अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 1990 से 2019 के बीच कार्बन उत्सर्जन में लगभग एक चौथाई वृद्धि के लिए उत्सर्जकों के शीर्ष तबके में शुमार करीब...
More »जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
डाउन टू अर्थ, 6 अक्टूबर इसमें कोई शक नहीं की धरती पर मौजूद हर इंसान जलवायु में आते बदलावों के लिए जिम्मेवार है। लेकिन सभी इंसान समान रूप इस बदलती जलवायु के लिए जिम्मेवार नहीं हैं। वैश्विक स्तर पर लोगों द्वारा उत्सर्जित हो रही ग्रीनहाउस गैसों के बीच का यह अंतर काफी बड़ा है। इस पर किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि 1990 के बाद से वैश्विक स्तर...
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