जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया! कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...
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पंजाब- आत्महत्या से मरने वाले पंजाब के 9,000 से अधिक किसानों में से 88% कर्ज में डूबे
गाँव सवेरा, 23 जून इकनोमिक एंड पोलिटिकल वीकली (पत्रिका) के नए संस्करण में प्रकाशित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के एक अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के छह जिलों में साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या से 9,291 किसानों की मौत हुई है. सर्वेक्षण में शामिल जिलों में संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मानसा, मोगा और बरनाला शामिल हैं. अध्ययन में यह पाया गया है कि इन सभी आत्महत्याओं में 88 फीसदी...
More »सरकारी कमेटी के नाम पर किसानों की आंख में धूल झोंकने की कोशिश
वर्कर्स यूनिटी 20 जुलाई प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर को तीन काले कानून रद्द करते वक्त अपनी घोषणा में जिस कमेटी का वायदा किया था आखिर उसकी घोषणा हो गई है। 12 जुलाई को सरकार द्वारा बनाई गई इस समिति का नोटिफिकेशन आज सार्वजनिक हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुरू से ही इस कमेटी को लेकर अपने संदेह सार्वजनिक किए हैं: इस कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य कौन होंगे? कहीं इसमें सरकार...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »बिजली गिरने से 96 फीसदी मौतें ग्रामीण इलाकों से, इनमें से 77 फीसदी किसान
गाँव कनेक्शन, 6 जुलाई बिजली गिरने की भविष्यवाणी करने वाली तकनीक और पूर्व चेतावनी देने वाले मोबाइल ऐप होने के बावजूद, ग्रामीण भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत आकाशीय बिजली के चपेट में आने से हो जाती हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। ग्रामीणों को अभी भी उन सरल सुरक्षात्मक और निवारक उपायों के बारे में जानकारी नहीं, जिनसे वे अपनी...
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