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लीची शहद के लिए मशहूर बिहार उत्पादन में आगे, पर दूसरे राज्यों पर निर्भर किसान

मोंगाबे हिंदी, 19 अप्रैल,  बिहार के गया जिले में परैया मरांची गांव के चितरंजन कुमार 18-20 टन शहद का उत्पादन करते हैं। ठीक ऐसे ही, इस ही गाँव के निरंजन प्रसाद भी साल में करीब 20 क्विंटल शहद का उत्पादन करते हैं। लेकिन, इतने उत्पादन के बावजूद भी उन्हें शहद उत्पादन में बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता है। चितरंजन और निरंजन दोनों ही इसके लिए प्रदेश में शहद के प्रोसेसिंग प्लांट...

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हर साल भीषण गर्मी की वजह से आमदनी का पांच प्रतिशत नुकसान झेल रहा है गरीब किसान: एफएओ

डाउन टू अर्थ, 07 मार्च  भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में कमी आती है। ऐसा गरीब किसान के साथ ज्यादा होता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दिनों में गैर गरीब किसान के मुकाबले गरीब किसान परिवारों की आमदनी में 2.4 प्रतिशत का नुकसान होता है, जो उनकी फसलों से होने...

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क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?

वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...

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एमएसपी की कानूनी गारंटी- खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा

 डाउन टू अर्थ, 19 फरवरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनुशंसा केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए न्यूनतम लाभकारी मूल्य दिलाना, बाजार में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एमएसपी की शुरुआत 1966-67 में की गई थी, जब भारत में खाद्य पदार्थों की भारी कमी थी। तब सरकार ने घरेलू खाद्यान्न...

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मध्‍य प्रदेश के सोयाबीन किसानों पर अनिश्चित मौसम की मार, घटते उत्‍पादन ने बढ़ाई चिंता

इंडियास्पेंड, 22 जनवरी “वहां पहाड़ी तक, जहां तक आप देख पा रहे हैं, सभी खेतों में धान लगती है। हमारे पूरे क्षेत्र में अब धान की ही खेती होती है। तीन-चार साल पहले यहां के हर खेत में सोयाबीन लगती थी। लेकिन अब ये पुरानी बात हो चुकी है।” खेत में मेड़ों पर सिंचाई के लिए पड़ी प्‍लास्‍ट‍िक की पाइप को ठीक करते हुए युवा किसान अजय मीणा बताते हैं। वे बताते...

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