SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1224

चुनावी एजेंडे से उन्हें क्यों बाहर रखा जाता है- सुभाषिनी अली

मुझे बैरकपुर के चुनाव क्षेत्र में रहते अब 20 दिन हो चुके हैं। श्यामनगर, जहां मैं रह रही हूं, वह गांव और छोटे शहर का एक मिला-जुला इलाका है। श्यामनगर का स्टेशन करीब है और यहां से कोलकाता तक जाने वाली लोकल ट्रेनों ने, जो कई दशकों से चल रही है, शहर और शहर से मिलने वाले रोजगार से यहां के लोगों को जोड़कर इलाके को नीम-ग्रामीण बना दिया है। मेरे घर...

More »

समावेशी विकास का वायदा- जयराम रमेश

कांग्रेस के 2014 के घोषणापत्र के आवरण पर प्रकाशित 'आपकी आवाज-हमारा संकल्प' बखूबी अपना संदेश प्रकट कर देता है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में तीस से अधिक सुझावों और 1.3 लाख लोगों के विचारों को शामिल करके तैयार किया गया यह घोषणापत्र लंबे समय से पार्टी के आदर्श रहे न्याय, समता और गरिमा के विचारों पर आधारित है। तेजी से आधुनिक हो रहे देश के लिए यह...

More »

ग्रामीण नागरिक पर बढ़ रहा है स्वास्थ्य खर्च का बोझ

देश के ग्रामीण इलाके के औसत नागरिक का स्वास्थ्य खर्च औसत शहरी नागरिक के स्वास्थ्य खर्च की तुलना में ज्यादा है। 68 वें दौर की गणना पर आधारित नेशनल सैंपल सर्वे की नवीनतम रिपोर्ट इस तथ्य का खुलासा करती है।   लेवल एंड पैटर्न ऑफ कंज्यूमर एक्सपेंडिचर  2011-12 शीर्षक इस रिपोर्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से जाहिर होता है कि एक औसत भारतीय हालांकि प्रति माह औसत ग्रामीण भारतीय की तुलना में...

More »

एक साल में 70 लाख लोगों की मौत ‘काल’ बना वायु प्रदूषण

दुनियाभर में बीमारियों और इनसे मरनेवालों की तादाद में हो रही वृद्धि के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से चौंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से हुई है. क्या हैं वायु प्रदूषण के खतरे, भारत में क्या है स्थिति और इससे कैसे निबटा जा सकता है, बता रहा है आज का नॉलेज. नयी दिल्ली...

More »

इस बार के चुनाव में खेती-किसानी मुद्दा क्यों नहीं है- हरवीर सिंह

इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस जनता पार्टी ने सत्ता से बेदखल किया, उसका चुनाव चिह्न हलधर था। उस चुनाव का एक नारा था, देश की खुशहाली का रास्ता खेतों और गांवों से होकर जाता है। साफ है कि तब राजनीति के केंद्र में किसान और गांव-देहात था। अब सोलहवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस चुनाव में मध्यवर्ग,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close