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सहजीवन का नीड़- प्रियंका दुबे( तहलका)

ध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना विवेकानंद नीड़म बताता है कि जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य कितना सुंदर हो सकता है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उम्मीद का रंग शायद हरा होता होगा. सूखती नदियों और लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण की चिंताओं वाले दौर में विवेकानंद नीड़म को देखकर पहला ख्याल यही आता है. चंबल के सूखे बीहड़ों में बने इस हरे भरे 'आश्रम' को सहजीवन की उस धारणा...

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इस गांव के लोग थाना नहीं जाते

कभी अपराध और आंतक के लिए कुख्यात गावां का विशनीटीकर गांव विकास की नयी गाथा गढ़ रहा है. मामला विकास का हो या फिर शांति का, इस गांव ने आम सहमति को हथियार बनाकर मिसाल कायम किया है. गावां प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव काफी पिछड़ा हुआ गांव माना जाता था. अस्सी और नब्बे के दशक में गांव में अपराध इस कदर बढ़ गया था कि...

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मंदी से बचे रहेंगे खेत और किसान

सामाजिक कार्यकर्ता अशोक भगत अपने वैचारिक आधार से ज्यादा गांवों के विकास का आधार तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. 1983 में उन्होंने देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला के बिशुनपुर से विकास भारती नामक संस्था बना कर ग्राम विकास के काम की शुरुआत की. आज इस संस्था की राज्य के हर जिले में उपस्थिति है. विकास भारती का 30 वां साल चल रहा है. लंबी यात्र...

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गांवों में कैसे बनेंगे घर, नीति ही नहीं

रांची : गांवों में किसी भी तरह का निर्माण सरकार की नजर में अवैध है. यहां तक की सरकार ग्रामीणों को गांवों में घर बनाने की स्वीकृति भी नहीं देती. सिर्फ उन्हीं इलाकों में नक्शों की स्वीकृति दी जाती है, जो नगर निकाय के क्षेत्र में पड़ते हैं. पिछले तीन सालों में सरकार ग्रामीण इलाकों और कस्बों के लिए नीति नहीं बना सकी. इसका सीधा असर विकास कार्यो पर पड़ रहा...

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हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट

भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...

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