एशियन ह्यूमन राइटस् कमीशन(एएचआरसी) की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मध्यप्रदेश में 28 बच्चों ने कुपोषण के दुष्चक्र में दम तोड़ दिया है। एएचआरसी के अनुसार पीडित बच्चों के परिवार सरकारी योजनाओं के तहत भोजन और स्वास्थ्य के मद में फिलहाल दी जा रही सहायता से भी वंचित हैं। एएचआरसी ने अपनी सूचना का आधार मध्यप्रदेश की एक संस्था लोक संघर्षमंच और सूबे में चलने वाले भोजन के अधिकार अभियान की एक...
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चंबा में नहीं थम रहा बाल श्रम
चंबा : प्रशासन व विभाग के नाक तले पनप रही बाल मजदूरी थमने का नाम नहीं ले रही है। दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित समाचार के पश्चात जिला विभाग हरकत में तो आया लेकिन औपचारिकता से आगे नहीं बढ़ पाया।जहां सरकार शिक्षा, स्वस्थ्य व बाल सुरक्षा हेतु कई योजनाएं एवं कानून बना रही हैं। वहीं हकीकत में ये सभी योजनाएं दायरों तक सीमित हो कर रह गई हैं। जहां बच्चों के हाथों किताबें होनी चाहिए वहीं...
More »वेश्यावृत्ति से मुक्त हुई बच्चियों का पुनर्वास हो
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। बाल वेश्यावृति पर गंभीर चिंता जताते हुए कोर्ट ने सरकार से उनका ठीक-ठाक पुनर्वास करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें मुक्त करा कर गलियों में छोड़ देने से कुछ नहीं होगा। जब तक उनके पुनर्वास का ठीक-ठाक इंतजाम ना हो, सरकार उनकी शिक्षा और आश्रय का इंतजाम करे। कोर्ट ने ये टिप्पणियां बाल मजदूरी, वेश्यावृति और अंगों के व्यापार के लिए बच्चों की तस्करी की समस्या पर सुनवाई के...
More »नैनो परियोजना क्षेत्र पर खेती शुरू
सिंगूर। पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा की लखटकिया नैनो कार परियोजना लगने से पहले ही उखड़ जाने के बाद अब वहां स्वेच्छा से जमीन देने वाले ज्यादातर किसानों ने परियोजना क्षेत्र की अपनी जमीन पर खेती फिर शुरू कर दी है। किसान काफी समय तक इस उम्मीद में अपने पारंपरिक पेशे से दूर रहे कि सिंगूर से हटने की टाटा समूह की घोषणा के मद्देनजर वहां औद्योगीकरण के लिए कोई सार्थक पहल होगी।...
More »मुर्दो के बीच जिंदों का आशियाना
मुजफ्फरपुर [मो. शमशाद]। यह मुर्दो का घर है। दुनिया इसे कब्रिस्तान के नाम से जानती है। हयात पूरी होने के बाद अपनों के कंधों पर लोग जनाजे की शक्ल में आकर यहां दफन हो जाते हैं। मगर, कुछ बदनसीब ऐसे भी हैं, जो हैं तो जिंदा मगर इनका आशियाना इन्हीं मुर्दो के बीच है। जी हां, यह उनकी मजबूरी है। कहीं आसरा नहीं मिला तो कब्रिस्तान को ही बना डाला घर। इस सच्चाई को...
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