किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...
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मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...
More »किसानों को जागरूक करने में भी घोटाला, बिना जांचे एनजीओ को किया पेमेंट- मोहम्मद इमरान नेवी
जगदलपुर. एक और गोलमाल। इस बार मामला बस्तर का। योजना थी एसएमएस भेजकर किसानों को जागरूक करने की। एनजीओ ने किसानों की फर्जी सूची बनाई और कृषि विभाग को सौंप दी। विभाग के अफसरों ने उसे 7 लाख 29 हजार 97 एसएमएस का भुगतान भी कर दिया। 27 से 29 पैसे प्रति एसएमएस के हिसाब से दो लाख रुपए से ज्यादा। यह जांचे बिना कि सूची सही है या नहीं...
More »महंगाई रोकने की मुहिम में केंद्र सरकार को लग सकता है झटका
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। महंगाई रोकने की मोदी सरकार की प्रस्तावित मुहिम को सूखे की आशंका से झटका लग सकता है। नए कृषि व खाद्य मंत्रियों के लिए सूखा पहली चुनौती होगा। समुद्र में बन रही आफत अलनीनो से भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून के प्रभावित होने का खतरा है। बारिश के बादल भले ही न आएं, मगर खरीफ फसलों पर संकट के बादल जरूर छा गए हैं। इससे महंगाई से...
More »जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया
हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...
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