मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक औसत मानसूनी बारिश में 13-14 प्रतिशत कमी आई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में सितंबर के दौरान औसत से काफी कम बारिश हुई। अब, जबकि मौसम विभाग के मुताबिक देश से मानसून की बिदाई हो चुकी है, सितंबर में हुई कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलों में पानी...
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खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
More »कोलकाता यूनिवर्सिटी : सरकारी फंड को ब्याज पर लगा रहे हैं अध्यापक
कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर सरकारी फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है. विश्वविद्यालय से शिक्षकों ने अग्रिम राशि व विभिन्न कारणों से रुपये लिये थे, लेकिन उन रुपयों को अधिकतर शिक्षक वापस नहीं कर रहे. आरोप है िक वे उन विश्वविद्यालय से रुपये लेकर उसे ब्याज पर लगा रहे हैं. अब इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सभी अध्यापकों को तीन महीने के अंदर...
More »हमारी संवेदना का अकाल-- योगेन्द्र यादव
अकेले नहीं आता अकाल. पानी, प्रकृति और समाज के देशज चिंतक अनुपम मिश्र के लेख का यह शीर्षक अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. कुदरत सूखा देती है, अकाल नहीं. हर चौथे-पांचवें साल हमारे देश में बारिश की कमी होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे अन्न की कमी हो, पीने के पानी का संकट हो, इंसानों और मवेशियों की जान पर बन आये, खेती-किसानी से जुड़े हर...
More »50 साल से थाने तक नहीं पहुंचा गांव का एक भी विवाद
सोनू यादव तेंदूखेड़ा, दमोह । देश हो, प्रदेश हो, जिला या कस्बा हर जगह कभी न कभी लोगों के बीच आपसी विवाद होते हैं और मामले थाने तक पहुंच जाते हैं, लेकिन दमोह जिले का एक गांव ऐसा जहां पिछले 50 साल से एक भी विवाद नहीं हुआ। यदि कभी छोटा-मोटा विवाद हुआ भी है तो वह पुलिस थाने तक नहीं पहुंच पाया। गांव के वरिष्ठ ही पंचायत कर मामले में...
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