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7 राज्यों में 1,000 मामले- कैसे फिर से खुलने पर स्कूल, कालेज Covid क्लस्टर के तौर पर उभरे

-द प्रिंट, महाराष्ट्र में पिछले महीने दो जिलों में 300 स्कूली छात्र कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से 229 अकेले वासिम के एक छात्रावास के थे. तेलंगाना में इस महीने दो दिनों में सात स्कूलों के लगभग 100 छात्रों को जांच के दौरान पॉजिटिव पाया गया. वहीं, हरियाणा में इसी माह करनाल के एक स्कूल के 54 छात्र कोविड-19 की चपेट में आ गए. देशभर के अन्य तमाम स्कूलों में भी इसी...

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ग्राउंड रिपोर्ट: ‘लॉकडाउन ने हमें बर्बाद कर दिया, स्थिति नहीं बदली तो आत्महत्या करनी पड़ेगी’

-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘10 दिन हो गए हैं काम नहीं मिला. आज भी सुबह सात बजे यहां आ गया था, लेकिन अब दस बज गए. एक-दो घंटे और इंतज़ार करेंगे फिर कमरे पर चले जाएंगे.’’ यह कहना है पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले 22 वर्षीय सुखसागर मंडल का. लॉकडाउन लगने के बाद मंडल आठ दिन पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे. इनसे हमारी मुलाकात नोएडा के हरौला मार्केट स्थित लेबर...

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आयुर्वेद: घालमेल करना बंद करें

-आउटलुक, “भारत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता से समृद्ध विशेष देश है, जहां हर मौके- जरूरत के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।” भारत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता से समृद्ध विशेष देश है, जहां हर मौके- जरूरत के लिए कई विकल्प उपलब्‍ध हैं। स्वास्थ्य सेवा में भी भारत को पारंपरिक और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की देन मिली हुई। हालांकि, विज्ञान की ताकत से आधुनिक चिकित्सा पद्धति ने इन पारंपरिक पद्धतियों से कहीं ज्यादा प्रगति...

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पवन ऊर्जा ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 110 मिलियन कारों के धुएं से दी निजात

-जनपथ, क्या आपको पता है एशिया पैसिफिक के जिस क्षेत्र में आप और हम रहते हैं, वहां विंड एनर्जी की मौजूदा उत्पादन क्षमता इतनी है कि अगर उतना बिजली उत्पादन कोयले से हो तो 510 मिलियन टन का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा? जी हाँ, सही पढ़ा आपने। दूसरे शब्दों में कहें तो बिजली उत्पादन के इस विकल्प के प्रयोग से कार्बन डाइऑक्साइड का उतना उत्सर्जन टाला जा सका जितना 110 मिलियन कारें...

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कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी

अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...

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