प्रतापगढ़। श्रद्धालुओं का सैलाब पलक झपकते ही मातम के मेले में बदल गया। संत कृपालु महाराज के आश्रम पर प्रसाद, थाली-कंबल के लिए मची होड़ में इस कदर अव्यवस्था फैली कि भगदड़ मच गयी। चीख-पुकार के बीच लोग एक-दूसरे पर गिरने-पड़ने लगे, रौंदने लगे। देखते ही देखते मंदिर प्रांगण में 63 लाशें बिछ गयीं। मौत के शिकार लोगों में 37 तो बच्चे थे और 26 महिलाएं। मौका था कृपालु महाराज की पत्नी की श्राद्ध पर भंडारे...
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साल में 51 लापता, मिले 36
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : नारकंडा से जनजातीय जिले किन्नौर के चौरा तक रामपुर क्षेत्र में लोगों के गायब होने के ज्यादा ही मामले सामने आ रहे हैं। गायब होने वाले लोगों में अधिकतर हिमाचल से बाहर के हैं। इनमें गुम होने वाली महिलाओं में अधिकतर नेपाली मूल की हैं। पिछले साल गायब हुए 51 लोग रामपुर थाना के तहत 2009 में 51 से भी ज्यादा गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इनमें...
More »गढ़वा में आदिम जनजातियों पर लाठीचार्ज
गढ़वा। सोमवार को अपराह्न चार बजे पूरा समाहरणालय परिसर तब रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे आदिम जनजाति के लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान पूरे परिसर में भगदड़ मच गई। गिरते-पड़ते लोग इधर-उधर भाग रहे थे और सीआरपीएफ के जवान उन्हें खदेड़-खदेड़कर पीट रहे थे। घटना में कई महिलाएं व...
More »खनकती चूड़ियों के बीच हरित क्रांति
संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...
More »डेढ़ लाख बेघर, इंतजाम सिर्फ 4800 का
आशुतोष झा, नई दिल्ली सरकारी गिनती के अनुसार दिल्ली में डेढ़ लाख ऐसे लोग हैं, जिनके पास सिर छिपाने के लिए कोई छत नहीं है। पर सरकारी तंत्र की ओर से इस कड़ाके की ठंड में सिर्फ चार हजार आठ सौ लोगों के लिए रैन बसेरों में इंतजाम है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी बेघरों को तत्काल बसेरा देने का आदेश दिया है। पर जो सरकार सालों में बेघरों के लिए छत न जुटा सकी...
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