SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2118

बेजुबानों की जबान बनती जवाबदेही यात्रा !

क्या कभी आपकी भेंट ऐसे जिला शिक्षा अधिकारी से हुई है जिससे भरी महफिल में किसी ग्रामीण ने शिक्षा के अधिकार के हवाले से पूछा हो, बताओ ऐसे कितने स्कूल हैं जहां शौचालय ठीक-ठाक बने और काम कर रहें हैं ?   क्या आपने जिला शिक्षा अधिकारी को आंकड़ों की ओट में तथ्य छुपाते और इस तथ्य-छुपाई पर उसी महफिल में एक से ज्यादा ग्रामीणों के मुंह से टोके और दुरुस्त किए...

More »

सत्ता की चमक में शिक्षकों ने स्‍कूल छोड़ थामा मंत्री-विधायकों का दामन

अम्बुज माहेश्वरी, रायसेन(मध्‍यप्रदेश)। प्रदेश के कई शिक्षकों ने लंबे अरसे से मंत्री-सांसद और विधायकों का दामन थाम लिया है। इन शिक्षकों की अपने मूल शैक्षणिक कार्य के बजाए माननीयों की चाकरी में रुचि है। खासबात तो यह है कि मंत्री, सांसद और विधायक भी अपने निजी स्टाफ में ज्यादातर शिक्षकों को तरजीह देते हैं। शिक्षकों के स्कूल छोड़ने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई स्कूल शिक्षकविहीन हैं और पूरा...

More »

हमारा सपना है मुस्कराते हुए शहर - वेंकैया नायडू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 में पहली बार स्मार्ट सिटी का जिक्र करने के बाद से ही देश में इसको लेकर उत्साह रहा है। उन्होंने तब इसे देश के कायाकल्प का जरिया बताया था। इसके जरिए वह हर वर्ग के लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाकर देश के शहरों और कस्बों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाना चाहते हैं। स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित शहर दूसरे शहरों...

More »

कितने स्मार्ट हो पायेंगे हमारे शहर-- नारायण कृष्णमूर्ति

टेक्नोलॉजी, खासकर इंटरनेट ने हमारे कामकाज का रवैया बदल दिया है। अब घर बैठे स्मार्ट ग्रिड के जरिये निर्बाध इंटरनेट, गैस, बिजली और पानी प्राप्त करने की कल्पना सपना नहीं है। इस लिहाज से स्मार्ट सिटी का स्वागत करना चाहिए, जहां हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा रहेगा और तमाम नागरिक सुविधाएं हासिल कर पाएगा। सोच यह है कि इन स्मार्ट नगरों को ऐसे बनाया जाए कि वे शिक्षा, रोजगार और...

More »

इस तरह न याद करें महात्मा गांधी को-- रामचंद्र गुहा

महात्मा गांधी की मृत्यु के तुरंत बाद उनकी स्मृति को बनाये रखने, उनके कामों को सम्मान देने की अनेक खबरें कई समाचार पत्रों में कई दिनों तक छपती रही थीं. ऐसी कुछ खबरें मैंने दिल्ली में राष्ट्रीय अभिलेखागार में अध्ययन करते हुए पढ़ी थीं. जैसे इस खबर को ही लीजिए- सन् 1948 में मार्च महीने की तीन तारीख को ‘न्यू उड़ीसा' नाम के अखबार में लिखा गया था कि बिहार...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close