बांदा। उनके बच्चे भी खेलते हैं मगर जहरीले सांप और बिच्छुओं के साथ। स्कूल का मुंह देखना अभिशाप है लेकिन पांच साल के बच्चों को 'सांप की पिटारी' व 'बीन' थमा दी जाती है। बाल विवाह की प्रथा है और सांप नचाने व बीन बजाने की कला का प्रदर्शन ही शादी की शर्त है। हम बात कर रहे है सपेरा समाज की। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और कौशांबी से...
More »SEARCH RESULT
पत्थरों की खदानों से लौटा बचपन || बिदिसा फौजदार/शिरीष खरे ||
कभी बाल मजदूरी करने वाला महेन्द्र अब बच्चों के अधिकारों से जुड़ी कई लड़ाईयों का नायक है। महेन्द्र के कामों से जाहिर होता है कि छोटी सी उम्र में मिला एक छोटा सा मौका भी किसी बच्चे की जिंदगी को किस हद तक बदल सकता है। महेन्द्र रजक, इलाहाबाद जिले के गीन्ज गांव से है- जहां की भंयकर गरीबी अक्सर ऐसे बच्चों को पत्थरों की खदानों की तरफ धकेलती है। महेन्द्र...
More »बच्चा पढ़ाना है तो पढ़ाओ, फीस इतनी ही रहेगी
जागरण प्रतिनिधि, शिमला : राजधानी शिमला सहित प्रदेशभर के निजी स्कूलों ने फीस में भारी-भरकम बढ़ोतरी कर दी है। इससे पहले बाकायदा स्कूलों की ओर से अभिभावकों के नाम एक सर्कुलर जारी किया गया। इसके अनुसार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का बहाना लेकर अभिभावकों से सहयोग करने की बात कही गई है। पिछले साल भी निजी स्कूलों ने भारी फीस वृद्धि की थी। अभिभावकों ने आंदोलन किया, लेकिन उन्हें दो-टूक कहा गया कि बच्चों को...
More »सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 8,452 रुपये बढ़ी
नई दिल्ली ।। दिल्लीवालों की आमदनी बढ़ रही है। दिल्ली सरकार के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में 8,452 रुपये का इजाफा हुआ है। दिल्ली वालों की प्रति ...
More »