भारत में लोगों को आपदा से बचाना या तत्काल राहत पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? पिछले पांच दशक से सरकार भी इस यक्ष प्रश्न से जूझ रही है। दरअसल, आपदा प्रबंधन तंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों को कुदरती कहर से बचाने की जिम्मेदारी कई महकमों पर है। जब लोग बाढ़ में डूब रहे होते हैं, भूकंप के मलबे में दब कर छटपटाते हैं या फिर ताकतवर तूफान...
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ग्लोबल से अहम हमारा लोकल वार्मिंग- अतुल चतुर्वेदी
जिन दिनों अघाए हुए देश ग्लोबल वार्मिंग पर पैंतरे बदल रहे हैं, उन्हीं दिनों हम लोेकल वार्मिंग से जूझ रहे हैं। यूं भी हमारा देश एक गरम देश है और तू-तू मैं-मैं हमारा बहुत पुराना शगल है। विश्व के नेताओं की चिंता भले कार्बन उत्सर्जन को लेकर हो, लेकिन हमारी चिंताएं एक-दूसरे के मुंह पर कालिख पोतने तक सीमित हैं। हम कालिख मलने और कपड़े फाड़ने से अभी ऊपर नहीं उठ...
More »खामियां नहीं सुधरी इसलिए बिगड़ा शिक्षा का स्तर
रायपुर। पिछले सालों में स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर अफसरों ने महज खानापूर्ति की है। निरीक्षण के बाद कमियां मिलीं, लेकिन उन पर काम नहीं हुआ। नब्बे फीसदी सी और डी ग्रेड के स्कूलों में पढ़ाई स्तर गिरने की वजह ये भी है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत करीब पंद्रह हजार स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद मंत्री, विधायक, सांसद और अफसरों ने जो निरीक्षण...
More »ऑनलाइन जगा रहे शिक्षा का अलख
महज 50 रुपये मासिक शुल्क पर दी जा रही हैं सुविधाएं बड़ा हौसला रखनेवाले ही जिंदगी के उस मुकाम को छू लेते हैं, जहां वे किसी पहचान के मोहताज नहीं होते. ऐसा ही अनोखा काम कर दिखाया है मुंबई की नील डिसूजा और सोमा वाजपेयी ने. नील और सोमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटिलाइजेशन की गुमनाम दूत बन कर देश के स्लम एरिया और दूरस्थ गांवों में सुविधाविहीन बच्चों में इंटरनेट...
More »ऑनलाइन जगा रहे शिक्षा का अलख
महज 50 रुपये मासिक शुल्क पर दी जा रही हैं सुविधाएं बड़ा हौसला रखनेवाले ही जिंदगी के उस मुकाम को छू लेते हैं, जहां वे किसी पहचान के मोहताज नहीं होते. ऐसा ही अनोखा काम कर दिखाया है मुंबई की नील डिसूजा और सोमा वाजपेयी ने. नील और सोमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटिलाइजेशन की गुमनाम दूत बन कर देश के स्लम एरिया और दूरस्थ गांवों में सुविधाविहीन बच्चों में इंटरनेट...
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