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सब्जी बेचकर कैसे करोड़पति बन गए आइआइएम के छात्र

अहमदाबाद। यह सुनने में अजीब लगता है कि देश के एक शीर्ष मैनेजमेंट संस्थान से दो एमबीए डिग्रीधारक आज की तारीख में सब्जी बेचते हैं। लेकिन जब आप उनकी कमाई में बारे में जानेंगे तो चौंक भी जाएंगे। आज इन सब्जी बेचने वालों में से एक युवा की एक दिन की कमाई कई करोड़ रुपये तक हो गई है। देश के शीर्ष मैनेजमेंट संस्थान आइआइएम अहमदाबाद से 2007 में एमबीए की डिग्री...

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नरेंद्र मोदी और व्हार्टन स्कूल ।। अश्वनी कुमार ।।

गुजरात के विवादित मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को व्हार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम द्वारा यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवेनिया में मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किये जाने पर पूरे विश्व में उदारवादियों और प्रगतिशील लोगों के मन में सवाल उठना जायज है. हिंदुत्व राजनीति के ‘पोस्टर ब्वाय’ को मिला विवादित आमंत्रण वापस लेने से यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसिलवेनिया के संस्थापक और संयुक्त राज्य अमेरिका के निर्माण में अहम भूमिका निभानेवाले बेंजामिन फ्रैंकलिन को अवश्य ही...

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लैपटॉप बेच पैसे जुटाने पहुंचे छात्र

जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने तकनीक की दौड़ में आगे करने के लिए छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप बांटे, लेकिन कुछ गरीब विद्यार्थी शायद इसका मोल नहीं समझ सके। लैपटॉप वितरण के बाद छात्र घर की बजाय सीधे मार्केट पहुंच गए और लैपटॉप बेचने के लिए कई दुकानदारों से सौदा करने की कोशिश में जुट गए। हालांकि, दुकानदारों ने इसमें हाथ डालने से इन्कार कर दिया। छात्रों ने मंगलवार को फिर...

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खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें

संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...

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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, निजी में भरमार

भागलपुर: सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी ने शिक्षण के निजी व्यवसाय को हवा देने में कोर-कसर नहीं छोड़ी है. सरकारी शिक्षण संस्थान मूलभूत सुविधाओं को भी खोता जा रहा है, भवन पुराने होते जा रहे हैं, कर्मचारियों तक की कमी होती जा रही है. दूसरी ओर तमाम सुविधाएं ही नहीं, एयर कंडीशंड क्लासरूम, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति, बिना परेशानी फटाफट होनेवाली कागजी कार्रवाई के साथ निजी शिक्षण...

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