बड़वानी-खेतिया। जिले के खेतिया क्षेत्र में गत दिनों फैली उल्टी-दस्त की बीमारी के बाद इसके कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। नईदुनिया ने ग्राम मोरतलाई पहुंच स्थिति का जायजा लिया, तो पता चला कि गांव में बीमारी की दहशत से कई परिवारों में महिलाओं व बच्चों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया गया है। इससे एक ओर जहां गांव सूना-सूना नजर आ रहा है, वहीं स्कूलों में भी...
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आंकड़ों से बाहर अलक्षित स्त्री-श्रम-- सुजाता
पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में मां के किरदार को याद करते हुए अक्सर एक चेहरा निरूपा राय जैसी मां का सामने आता है, जो विधवा है, दुखी है, लेकिन स्वाभिमानी है. पति के न रहने पर वह दिन-रात दूसरों के कपड़े सिल कर अपने बच्चों को बड़ा करती है. अचानक यह एहसास होता है कि दुनिया का सारा कारोबार पुरुष के श्रम पर चलता है और स्त्री इसमें केवल मर्द के...
More »परिंदों के संग उड़कर आता बुखार--
तीन साल पहले भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया था कि उसके यहां बर्ड फ्लू का कोई नया मामला नहीं दिखा है, लिहाजा वह बर्ड फ्लू मुक्त देश है। ऐसी घोषणाओं के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की जरूरत होती हो या नहीं, पर देश की राजधानी दिल्ली में बर्ड फ्लू से हुई दो दर्जन पक्षियों की मौतों ने साबित कर दिया है कि संक्रामक बीमारियों के वायरस...
More »सहायता योजनाओं की जानकारी से दूर छोट-मंझोले उद्योग - नई रिपोर्ट
‘मछरी जल बीच मरत पियासी' ! इस उलटबांसी का अर्थ समझना हो तो गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिहाज से महत्वूर्ण माने जाने वाले सूक्ष्म, छोटे और मंझोले उद्यमों की हालत पर गौर कीजिए! हाल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि छोटे, मंझोले और सूक्ष्म उद्यमों के विकास-विस्तार और सुधार के लिए सरकार ने 200 से ज्यादा सहायता योजनाएं चला रखी हैं लेकिन सूक्ष्म, छोटे, और मंझोले आकार के उद्यम (एमएसएमई) इनका...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
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