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छत्‍तीसगढ़ के धान की देशी किस्मों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

दिलीप साहू, रायपुर । धान का कटोरा छत्तीसगढ़ में 23 हजार से अधिक देशी किस्में हैं। इनमें से 90 फीसदी किस्में केवल रिसर्च संस्थानों तक सिमटकर रह गई हैं। छत्तीसगढ़ की इन देशी किस्मों को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। इस बार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने यहां संरक्षित 23 हजार 250 किस्मों को खेतों में लगाया है। इससे इन किस्मों के बीज की मात्रा में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद इनमें...

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सिंचाई की बढ़ती संभावना और घटता उपयोग

मॉनसून के अस्थिर मिज़ाज की मार सहती खेती के इस वक्त में आई एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सिंचाई का आधारभूत ढांचा ठहराव का शिकार है।   सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैटिक्स 2014 के तीसरे अंक में कहा गया है कि सिंचाई के आधारभूत ढांचे पर खर्च बढ़ा है लेकिन सकल सिंचाई संभावनाओं(ग्रॉस इरीगेशन पोटेंशियल) के इस्तेमाल के मामले में विशेष प्रगति नहीं हुई है।(देखें नीचे रिपोर्ट...

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मप्र में उद्योग लगाइए, प्रोडक्ट की हम करेंगे मार्केटिंग: मुख्‍यमंत्री

इंदौर। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का कद बढ़ाते हुए राज्य सरकार इनके लिए अलग मंत्रालय बनाएगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 के पहले दिन बुधवार को जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसकी घोषणा की तो ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। इसके साथ ही लघु उद्यमियों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हुई। मुख्यमंत्री ने लघु उद्यमियों से यह वादा भी किया...

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सरकारी बीजों ने फिर दिया धोखा, पहले बीज नहीं उगे, अब पौधे सूख गए

रायपुर. प्रदेश के किसानों को एक बार फिर से सरकारी बीजों ने धोखा दे दिया है। सरकारी एजेंसी बीज निगम ने किसानों को सोयाबीन जो बीज बांटे थे, उनसे पौधे तो अच्छे तैयार हो गए, लेकिन जब फल (फल्ली) लगने के समय अचानक पौधे सूख गए। ऐसी घटना एक-दो किसानों के खेतों में नहीं बल्कि राजनांदगांव, कवर्धा और बेमेतरा के सैकड़ों किसानों के खेतों में हुई है। खड़ी फसल सूखने...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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