पिछले एक हफ्ते से आप सिर्फ बिलखते लोगों की तस्वीरें देख रहे होंगे। गोरखपुर में अकाल काल के गाल में समा जाने वाले नौनिहालों के रोते-चीखते परिजन, नोएडा में जेपी, आम्रपाली सहित तमाम बिल्डर्स के शिकार मध्यवर्गीय लोग, कर्ज-माफी की घोषणा के बावजूद अपनी जान देने पर मजबूर किसान, केरल में सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों के परिजन...। क्या गुजरे 70 सालों में हमने यही कमाया है? यह गम और गुबार...
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अंधविश्वास विरोधी कानून-- सुभाष गताडे
झारखंड पिछले दिनों दो घटनाओं के चलते देश भर में सूर्खियों में रहा. पहली घटना में जहां चोटीकटवा होने के आरोप में एक गरीब महिला की लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी, तो दूसरी घटना में दुमका की एक महिला ने अपनी संतान को कुएं में फेंक दिया और अपनी चोटी खुद काट ली. ऐसी घटनाओं के लिए इन दिनों कोई राज्य, कोई इलाका अपवाद नहीं हैं. मामला महज...
More »जान ले रही एक अफवाह -- आशुतोष चतुर्वेदी
जब एक अफवाह लोगों की जान लेने लगे, तो मान लेना चाहिए कि अब पानी सर से ऊपर बह रहा है और समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसमें हस्तक्षेप करें, इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलायें. ऐसा कहा जाता है कि अफवाहों के पंख होते हैं, ये उड़ती हैं. इनकी गति इतनी तेज है कि एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमाओं को लांघते इन्हें समय नहीं...
More »सिस्टम के दीमक ने कर दिया आदर्श ग्राम योजना को विफल-- सुरेन्द्र किशोर
कुछ अपवादों को छोड़ दें तो महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना अंततः कुल मिलाकर विफल हो गयी. ऐसा इस बात के बावजूद हुआ कि इस देश में करीब-करीब हर राज्य में केंद्र और राज्य सरकार की करीब सवा दो सौ विकास और कल्याण की योजनाएं चलती हैं. केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि इन्हीं योजनाओं के पैसों से गांवों को आदर्श बनाया जायेगा. पर, ये पैसे इस...
More »कोई तो महसूसे मौतों की शर्म!-- कृष्णप्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज में आॅक्सीजन के अभाव में पांच दिनों में पांच दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौतों के बाद शोक, क्षोभ व रोष की लहरें थामे नहीं थम रहीं. इसके बावजूद कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने द्वारा घोषित उच्चस्तरीय जांच के नतीजों का इंतजार किये बिना ही काॅलेज के प्राचार्य को निलंबित करा दिया और एेलान किया है कि दोषियों के...
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