नयी दिल्ली : देश के विभिन्न राज्यों से मध्याह्न भोजन के बारे में मिल रही गंभीर शिकायतों के बाद केंद्र ने राज्यों से सभी स्तरों पर उपयुक्त ढांचा तैयार करने, तैयार भोजन को कम से कम एक शिक्षक द्वारा चखे जाने, रसोई घर सह स्टोर तैयार करने, खाद्यान्न एवं भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखने, सामाजिक लेखा परीक्षण पर जोर देने को कहा है. मानव संसाधन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव...
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गांवों से ज्यादा शहरों में गरीबों को खाद्य सुरक्षा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39...
More »क्या स्कूलों में सवा तीन रुपये में मिलेगा पौष्टिक भोजन?
नयी दिल्ली : मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के मद में प्रति छात्र महज 3.34 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मद में प्रति छात्र पांच रुपये दिये जाते हैं जबकि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर देशभर में रसोई घर सह स्टोर के निर्माण का 31 प्रतिशत कार्य अभी तक शुरु नहीं किया गया है. वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले ढाई वर्ष में देश...
More »भूमिहीन परिवार बनें जमीन के मालिक
इस योजना के तहत सरकार वैसे आदिवासी परिवारों को बसने और जीवन यापन के लिए वनभूमि पर अधिकार का पट्टा देती है, जिस भूमि पर कोई आदिवासी परिवार लंबे समय से बसा हुआ हो. इस तरह की जमीन अहस्तांतरणीय और गैर व्यावसायिक होती है. यानी पट्टे पर मिली वन भूमि पर आदिवासी परिवार घर बना कर खुद रह सकता है और उस जमीन पर खुद के खाने लायक फसल उपजा...
More »अब वार्ड सदस्य को भी चाहिए योजनाओं के कमीशन में हिस्सा : दयामनी
हमारे गांवों का कितना विकास हुआ है. क्या चुनौतियां हैं. विकास के मौजूदा मॉडल से आप कितनी सहमत हैं? मौजूदा विकास को दो-तीन तरह से देखना होगा. पहले समझना होगा कि विकास का मतलब क्या है. किस तरह का विकास होना है और किसका विकास होना है. आज सरकार की नजर में विकास का जो पैमाना है, जिसे मेनस्ट्रीम सोसाइटी विकास मानती है, और जो विकास हो रहा है क्या कल...
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