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हजारों वर्गफुट में फैला मलबा बना चुनौती

कोरबा. बालको के निर्माणाधीन पॉवर प्लांट की चिमनी गिरने की यह अपने तरह की पहली घटना है। इस बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल भी खोलकर रख दी है। चिमनी गिरने के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर अपने साथियों को तलाशते हुए बदहवास थे। यह सही है कि हादसा बड़ा है मगर उसके बाद राहत और आपदा प्रबंधन ने जो व्यवस्था की जानी...

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बर्दाश्त नहीं जुल्म ओ सितम

संजय सिंह, बांका। बिहार के मुंगेर व बांका जिले की सीमा पर बदुआ नदी के किनारे बसे गढ़ी मोहनपुर गांव की महिलाओं में गजब का उत्साह और जज्बा है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने को वे हमेशा तैयार रहती हैं। चाहे अपराधियों का मुकाबला हो अथवा बाहरी तत्वों के अन्याय व जुल्म का। गांव की महिलाएं पूरे जोश-खरोश के साथ संघर्ष को तैयार रहती हैं। गांव के हरेक...

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ग्रामीण राजधानी के लिए पैदल रवाना

बेमेतरा. गत चार सितंबर को ग्राम कठिया में घटित घटना के बाद 34 ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों एवं कथित ज्यादती को लेकर 17 सितंबर को सुबह 10 बजे ग्राम कठिया के ग्रामीण पद मार्च करते हुए राजधानी के लिए कूच किए। इनमें काफी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल थे। वे पुलिस ज्यादती के खिलाफ नारे लगाते प्रकरण वापस लेने मांग कर रहे थे।   कुछ दूरी तक छग स्वाभिमान...

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कुपोषण-मछरी जल बीच मरत पियासी

कुपोषण के बारे में अक्सर मान लिया जाता है कि यह तो गरीब राज्यों का लक्षण है और अपेक्षाकृत समृद्ध राज्य कुपोषण को मिटाने की राह पर हैं। लेकिन सच्चाई इसके उलट है। कुपोषण की शिकार महिलाओं और औसत से कम वजन के बच्चों की एक बड़ी तादाद धनी माने जाने वाले राज्यों में मौजूद है और ध्यान रहे कि इन दोनों को मानव-विकास के निर्देशांक में बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता...

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भूख का बढ़ता भूगोल

भारत में जब से आर्थिक उदारीकरण आया है, एक अद्भुत विरोधाभास उदारवादियों में देखने को मिला है। जहां भारत में कई जगह अभ्युदय हो रहा है। वहीं हालात 20 साल से ज्यादा खराब होते गए हैं। खासकर लोगों की खुराक कम हुई है। सिर्फ जिंदा रहने के लिए लोग इस देश में भोजन ग्रहण कर रहे हैं और इसका मूल कारण जनसंख्या का बढ़ना नहीं है, जैसा कि अनुमान लगाया...

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