सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनरुद्धार संशोधन कानून, 2013 में उचित मुआवजे के अधिकार और पारदर्शिता के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया। आखिरकार इस कानून में संशोधन की क्या जरूरत पड़ी और इन संशोधनों के क्या मायने हैं? इस बात का बार-बार उल्लेख होता रहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 पुराना पड़ चुका है और इसमें संशोधन की जरूरत है। 1894...
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झारखंड की स्थानीय नीति शीघ्र : रघुवर दास
दुमका: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में स्थानीयता नीति शीघ्र तय कर दी जायेगी. पूर्व की सरकार द्वारा गठित की गयी कमेटी की रिपोर्ट का उनकी सरकार अध्ययन कर रही है. कहा कि हमें कोई वोट की राजनीति नहीं करनी है, इसीलिए इस पर जल्द निर्णय ले लिया जायेगा. सीएम ने मुख्यमंत्री सचिवालय सह कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार पहाड़िया बटालियन गठित करने...
More »क्या कुपोषण दूर करने में महाराष्ट्र बहुत पीछे है?
महाराष्ट्र में पाँच साल से कम उम्र के एक तिहाई से ज्यादा(34 प्रतिशत) बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और देह की लंबाई के हिसाब से उनका वज़न मानक वज़न से कम है। यह बात हाल के एक अखिल भारतीय सर्वे में सामने आई है। जिलास्तरीय यह सर्वे 18 राज्यों तथा तीन केंद्रशासित प्रदेशों के जिलावार आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित है। डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 नामक के इस सर्वेक्षण...
More »मशहूर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज का अध्ययन, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और बिहार आदर्श
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के मुद्दे पर मशहूर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा का एक अध्ययन हाल ही में मशहूर पत्रिका ‘इकॉनोमिक एंड पॉलिटिकल वीकली' में प्रकाशित हुआ है, जो बताता है कि तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार और ओड़िशा में पीडीएस में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. अर्थशास्त्रियों ने माना है कि लीकेज से संबंधित सरकारी आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये गये हैं. पढ़ें इस मुद्दे पर एक टिप्पणी. ज्यां द्रेज...
More »फिर से भारत उदय- सुनील भारती मित्तल
भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
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