Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
चर्चा में.... | क्या कुपोषण दूर करने में महाराष्ट्र बहुत पीछे है?
क्या कुपोषण दूर करने में महाराष्ट्र बहुत पीछे है?

क्या कुपोषण दूर करने में महाराष्ट्र बहुत पीछे है?

Share this article Share this article
published Published on Feb 13, 2015   modified Modified on Feb 13, 2015
महाराष्ट्र में पाँच साल से कम उम्र के एक तिहाई से ज्यादा(34 प्रतिशत) बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और देह की लंबाई के हिसाब से उनका वज़न मानक वज़न से कम है। यह बात हाल के एक अखिल भारतीय सर्वे में सामने आई है।
 

जिलास्तरीय यह सर्वे 18 राज्यों तथा तीन केंद्रशासित प्रदेशों के जिलावार आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित है। डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 नामक के इस सर्वेक्षण में महाराष्ट्र में कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा पायी गई है।(चार्ट के लिए यहां क्लिक करें)

 

इस सर्वेक्षण से पहले महाराष्ट्र सरकार के महिला एवं बाल-विकास विभाग ने यूनिसेफ तथा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंसेज के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में कहा गया था कि महाराष्ट्र में 2 साल या उससे कम उम्र के केवल 22.8 प्रतिशत बच्चे ही अपनी लंबाई के हिसाब से मानक से कम वज़न के हैं। गौरतलब है कि कंप्रेहेन्सिव न्यूट्रिशन सर्वे नाम के इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर कई अर्थशास्त्रियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र में बाल-कुपोषण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की थी।

 

साल 2010 में प्रकाशित डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 के बाल-कुपोषण से संबंधित आंकड़ों की तुलना नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-3 के आंकड़ों से करने पर पता चलता है कि महाराष्ट्र में पाँच साल से कम उम्र के 46.2% बच्चे साल 2005-06 में अपनी उम्र के लिहाज से कम लंबाई के थे जबकि साल 2012-13 में ऐसे बच्चों की संख्या घटकर 30% प्रतिशत रह गई। लेकिन यह कमी सिर्फ कुपोषण जनित कम लंबाई और कम वज़न की समस्या से गंभीर रुप से ग्रस्त बच्चों के संदर्भ में हुई। जहां तक कुपोषण जनित कम लंबाई और कम वज़न से सामान्य रुप पीड़ित बच्चों की संख्या का सवाल है, ऐसे बच्चों की तादाद महाराष्ट्र में दो गुनी से लेकर चार गुनी तक बढ़ी है।

 


डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 के कुछ तथ्य--

-- 18 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों के बीच महाराष्ट्र में मॉडरेट वेस्टिंग से पीड़ित बच्चों(पाँच साल से कम उम्र के) की संख्या सबसे ज्यादा (34.1%) है जबकि नगालैंड में सबसे कम (10.8%) आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल, नगालैंड और सिक्किम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में मॉडरेट वेस्टिंग की समस्या शहरी इलाकों की अपेक्षा गांवों में अधिक है।

 

-- गंभीर श्रेणी के वेस्टिंग से पीड़ित बच्चों की संख्या महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा (20.0%) तथा नगालैंड में सबसे कम (5.2%) है। हिमाचलप्रदेश, केरल, नगालैंड और सिक्किम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में ग्रामीण इलाकों में गंभीर श्रेणी के वेस्टिंग की समस्या शहरी इलाकों की अपेक्षा ज्यादा है। पुदुच्चेरी में ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच यह विभेद सबसे ज्यादा है।

 

-- मॉडरेट स्टटिंग की समस्या से ग्रस्त सर्वाधिक बच्चे मेघालय (41.7%) में हैं जबकि गोवा में ऐसे बच्चों की तादाद सबसे कम (18.7%) है। गोवा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुदुच्चेरी तथा तेलंगाना को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर मॉडरेट स्टटिंग की समस्या शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है। त्रिपुरा में ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच यह विभेद सबसे ज्यादा है।

 

-- गंभीर श्रेणी की स्टंटिंग की समस्या सबसे ज्यादा (23.1%) मेघालय में और सबसे कम (8.4%) गोवा में है। अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, सिक्किम तथा तेलंगाना को छोड़कर अन्य सभी जगह गंभीर श्रेणी की स्टंटिंग की समस्या शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है।

 

-- महाराष्ट्र मॉडरेट अंडरवेट की समस्या को दूर करने में सबसे पीछे है, वहां मॉडरेट अंडरवेट श्रेणी में आने वाले बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा (38.7%) है जबकि केरल में सबसे कम (20.9%)।

 

गंभीर श्रेणी के अंटरवेट बच्चों की सबसे ज्यादा तादाद (15.4%) पश्चिम बंगाल में है जबकि सिक्किम में सबसे कम (5.4%)। गोवा को छोड़कर अन्य सभी जगह मॉडरेट अंटरवेट श्रेणी के कुपोषण से ग्रस्त बच्चों की संख्या शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा है।

 

इस कथा के विस्तार के लिए कुछ उपयोगी लिंक  

District Level Household and Facility Survey-4 (DLHS-4) in 2012-13 (Please click here to access)



Comprehensive Nutrition Survey (CNS) in Maharashtra (Please click here to access)



National Family Health Survey-3 (NFHS-3) in 2005-06 (Please click here to access)


District Level Household and Facility Survey-3 (DLHS-3) in 2012-13 (Please click here to access)



Child Malnutrition declining, though not fast enough (Please click here to access)



Progress in Reducing Child Under-Nutrition: Evidence from Maharashtra -Sunny Jose and KS Hari, Economic and Political Weekly, Vol-L, No. 3, January 17, 2015

 

Panel 2.3: How did Maharashtra cut child stunting? by Prof. Lawrence Haddad (page no. 13) in Global Nutrition Report 2014: Actions and Accountability to Accelerate the World's Progress on Nutrition, IFPRI



Beyond the Great Indian Nutrition Debate-Sonalde Desai and Amit Thorat, Economic and Political Weekly, Vol-XLVIII, No. 45-46, November 16, 2013


The fuzzy numbers on child malnutrition, Livemint, 14 October, 2014

 

 
Fewer kids under 2 years of age malnourished in Maharashtra, but tribal pockets still lag -Madhavi Rajadhyaksha, The Times of India, 16 November, 2013

 

 



Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close