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अमेरिका को मोदी की खरी-खरी, देश के गरीब पहली जिम्मेदारी

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के सुस्त पड़े द्विपक्षीय रिश्तों में नई जान फूंकने की दोनों ओर से हो रही कवायदों के बीच डब्ल्यूटीओ में भारत के सख्त रुख ने बाधा डाल दी है। भारत ने डब्ल्यूटीओ में अमेरिका और अन्य विकसित देशों के खिलाफ तब वीटो पावर का इस्तेमाल किया है, जब खुद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी नई दिल्ली में मौजूद हैं। शुक्रवार को केरी और अमेरिकी व्यापार...

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गरीबी कौन मिटाएगा- रामेश्वर मिश्र पंकज

जनसत्ता 30 जुलाई, 2014 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों की तरह भारत से गरीबी मिटाने का संकल्प लिया है। समाजवादी दौर में चले सरकारी प्रचार ने शिक्षितों में यह भाव गहरा कर दिया है कि समाज की प्रत्येक विषमता, विपदा और विकृति को हटाने का दायित्व सरकार का है। सरकार ही तारणहार है, वही मसीहा है, वही पैगंबर है। वही चमत्कारिक शक्ति है। वस्तुत: शिक्षा और मीडिया पर...

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हिन्दी के विस्थापन का दौर- प्रभु जोशी

जनसत्ता 31 जुलाई, 2014 : अगर आप हिंदी को गरियाने के लिए आगे आने का नेक इरादा रखते हैं तो फिर निश्चिंत हो जाइए कि अब आप अकेले नहीं हैं, बल्कि वित्तीय पूंजी के इस सर्वग्रासी दौर में, नई-नई विचार प्रविधियों से, उपनिवेशीकृत बनाए जा रहे, भारतीय मध्यवर्ग के बुद्धिजीवियों की एक पूरी रेवड़ आपके पीछे दौड़ी चली आने वाली है। इस अनुगामिनी भीड़ को अगर आप थोड़े अतिरिक्त उन्माद...

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भारत की न्‍यायपालिकाएं भी भ्रष्‍टाचार से अछूती नहीं: अमेरिकी रिपोर्ट

वॉशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में न्यायपालिका सहित हर स्तर पर भ्रष्टाचार है। 'कंट्री रिपोट्र्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस' नामक यह रिपोर्ट विदेश मंत्री जॉन केरी ने जारी की। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने कानून को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया। इसलिए अधिकारी फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार करने लगते हैं। सीबीआई ने पिछले साल जनवरी से नवंबर के बीच...

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बबुआ से बड़ा झुनझुना- विनोद कुमार

जनसत्ता 21 जुलाई, 2014 : आजादी के बाद हमने वयस्क मताधिकार पर आधारित भारतीय गणराज्य की स्थापना की। मूल अवधारणा यह रही कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके केंद्र में रहेगा देश का नागरिक। विधायिका उसके हित में कानून बनाएगी, कार्यपालिका उन कानूनों के दायरे में नागरिकों को एक विधि-सम्मत सुशासन मुहैया कराएगी, सेना बाह्य दुश्मनों से देश की सुरक्षा की गारंटी करेगी, पुलिस नागरिकों के जान-माल की रक्षा करेगी।...

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