भोपाल. प्रदेश सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात भले ही करे, लेकिन सच्चई यह है कि आने वाले समय में प्रदेश की दो लाख हेक्टेयर जमीन किसानों के हाथों से निकल सकती है। इसकी बड़ी वजह प्रोस्पेक्टिंग लीज (खनिज की पड़ताल के लिए लीज) और खनन पट्टों के लिए उद्योगों को दी गई मंजूरी है। मप्र ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट फेसिलिटेशन कारपोरेशन (ट्राइफेक) के आंकड़ों के अनुसार खजुराहो समिट...
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आंकड़ों की खेती से नहीं निकलेंगे परिणाम
रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
More »वर्षापात के फर्जी आंकड़ों को रोकने की कवायद
वर्षापात आंकड़ों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जिला व प्रखंड स्तर पर 'आटोमेटिक वेदर स्टेशन' स्थापित होंगे। राज्य में कृषि के विकास के लिए विश्वसनीय आंकड़ों का संग्रह आवश्यक है। केन्द्र की स्थापना को लेकर शुक्रवार को एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्धाटन योजना व विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश...
More »फिर जीवित होगा किसान आयोग : राजेश दुबे
भोपाल. प्रदेश में किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार ने मप्र कृषक आयोग को फिर से जीवित करने के साथ ही किसान विकास परिषद बनाने का फैसला लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान आयोग को फिर से गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि विकास परिषद के गठन पर भी सहमति जताई। यह परिषद कृषि की नई तकनीक,शोध एवं अनुसंधान पर जोर...
More »जहरीली मक्का पर सरकार मौन : ए. जयजीत
भोपाल. बीटी बैंगन को घातक बताकर जोरदार विरोध करने वाली राज्य सरकार ने अब ‘जहरीले’ मक्के के प्रदेश में होने वाले फील्ड ट्रायल पर चुप्पी साध ली है,जबकि केंद्र ने ट्रायल का फैसला राज्यों पर छोड़ रखा है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) मक्के के फील्ड ट्रायल से मक्के की अन्य फसलें हमेशा के लिए प्रदूषित हो सकती हैं। इसी आधार पर बिहार सरकार ने अपने यहां...
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