भोपाल। गैस पीड़ितों के लिए बने सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों का प्रयोग जानवरों की तरह किया गया। यहां नई दवाएं उनका प्रभाव जांचने के लिए इस्तेमाल की गईं और यह सिलसिला लगभग तीन साल तक चला। इस मामले का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है और गैस राहत मंत्री बाबूलाल गौर ने जांच के आदेश दिए हैं। गैस काड से जुड़े इसरोंगटे खड़े कर देने...
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सूचना कानून से ऊपर है अस्पताल
भोपाल. केस-1 भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने सूचना के अधिकार के तहत भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में मरीजों को दी जा रही दवा व स्टाफ के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने गोविंदपुरा एसडीएम कार्यालय के मार्फत आवेदन लगाए थे। बीएमएचआरसी प्रशासन ने एसडीएम वृंदावन सिंह को लिखित में आरटीआई कानून लागू न होना बताकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। केस-2 गैस पीड़ित...
More »क्यों छिपाया गया एमआईसी का एंटी डोज
भोपाल। एमआईसी गैस का प्रभाव नष्ट करने वाली दवा फैक्ट्री में मौजूद होने के बाद भी यूनियन कार्बाइड प्रबंधन ने आम लोगों को इसका लाभ नहीं दिया। जबकि फैक्ट्री की डिस्पेंसरी में त्रासदी की रात लगभग पांच सौ प्रभावितों का उपचार हुआ था और उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। दूसरी ओर शहर के अन्य अस्पतालों में लोग तड़प तड़पकर मौत के मुंह में पहुंच गए। यूनियन कार्बाइड...
More »भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं 19 खरब रुपये
नई दिल्ली। विश्व बैंक का कहना है कि विकासशील देशों में हर साल 40 अरब डालर [19 खरब रुपये] की रकम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। विश्व बैंक एक अधिकारी एवं चुराई गई संपत्ति की वसूली के लिए पहल [स्टार] के समन्वयक एड्रियन फोजार्ड ने बताया, 'विकासशील देशों में प्रत्येक साल 20-40 अरब डालर की रकम चुराई जाती है। पिछले 15 सालों में इनमें से मात्र 5 अरब...
More »भोपाल गैस कांड : सोराबजी जवाब दीजिए
नौ साल पहले 2001 में तब के एटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने वाजपेयी सरकार को राय दी थी कि वारेन एंडरसन के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इसके सफल होने की संभावना नहीं है। इसके बाद सरकार ने प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की। उन्होंने अमेरिकी कानूनी फर्म से राय लेने की सलाह भी दी, जबकि इसके पहले 31 जुलाई 1998 को उन्होंने कहा था,‘लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा...
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