नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने मौसम आधारित फसल बीमा योजनाओं [डब्लूबीसीआईएस] को तो लागू कर दिया है, लेकिन कई खामियों की वजह से यह किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित नहीं हो पा रही हैं। राज्य सरकारों की उदासीनता भी कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार है। प्रमुख उद्योग चैंबर फिक्की के मुताबिक केंद्र सरकार को सबसे पहले इन स्कीमों के लिए कम से कम तीन वर्ष अवधि की रणनीति बनानी चाहिए।...
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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »उड़ीसा में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस हमला बंद करो
अपने हस्ताक्षरों के साथ हम लोग उड़ीसा राज्य पुलिस द्वारा जगतसिंहपुर जिले में प्रस्तावित पोस्को स्टील परियोजना के विरोध में धरना दे रहे किसानों और मछुआरों के खिलाफ बिना किसी उकसावे के की गई फायरिंग और आग लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं. ताजा रिपोर्टों के अनुसार धरनास्थल बालीतुथा गांव में आज 100 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक दुकानें और घर पुलिसकर्मियों ने जला दिए. इस अभियान में पुलिस की करीब 40...
More »लीची को लूट लिया पछुआ ने
पटना। पछुआ ने लीची को लूट लिया। किसान माथा पीट रहे हैं। बर्बादी का अंदाज इसी से कि आधा से अधिक उत्पादन प्रभावित है। शुरू में लीची खातिर मौसम अनुकूल था। मगर अप्रैल-मई की झुलसाने वाली गर्मी और पिछले दिनों चली पछुआ हवा ने मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेगूसराय के बड़े रकबे में लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है। भीषण गर्मी ने दोतरफा मार की। एक, शुरू में बड़ी मात्रा में फूल...
More »बटाईदारी कानून बर्दाश्त नहीं
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावों को खारिज करते हुए करीब आठ घंटे तक चली किसान की महापंचायत में उपस्थित विभिन्न दलों के दिग्गज नेताओं ने रविवार को प्रदेश में किसी भी कीमत पर बटाईदारी कानून बनने नहीं देने का संकल्प लिया। इन नेताओं ने कहा कि बटाईदारी कानून लागू हुआ तो सूबे में वर्षो से जमीन मालिक और बटाईदारों के बीच चला आ रहा सामाजिक सौहार्द का वातावरण समाप्त हो जायेगा और...
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