मेरे एक करीबी मित्र इस बात के लिए ‘मीडियावालों’ की लानत-मलामत कर रहे थे कि उसका ध्यान केवल एक के बाद एक हो रहे घोटालों की खबरों पर ही केंद्रित है। मैं कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। मेरे मित्र उद्योगपति थे और उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं था। न ही उन्होंने मीडिया में प्रकाशित होने वाले विश्लेषणों के आधार पर अपनी राय बनाई थी। कॉमनवेल्थ खेलों...
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गरजे किसान, भोपाल परेशान
भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सोमवार सुबह अपनी ही सरकार को परेशानी में डाल दिया। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से यहां पहुंचे किसानों ने राजधानी की चारों दिशाओं की सीमा को घेर लिया। ट्रेक्टर ट्राली में लगभग एक पखवाड़े तक का राशन-पानी और ओढ़ने-बिछाने का सामान लेकर आए किसानों ने जगह-जगह सड़कों पर जाम लगा दिया। इससे पूरे शहर का आवागमन छिन्न-भिन्न हो गया, लेकिन सरकार...
More »बा-सफा कोई नहीं : गोपालकृष्ण गांधी
‘यह सब राजनीति है’ या ‘राजनीतिज्ञों से आखिर और क्या उम्मीद कर सकते हैं।’ इस किस्म की बातें हम अक्सर सुनते हैं। खुद कहते भी हैं। ‘राजनीति’ और ‘राजनीतिज्ञ’ शब्द आज संकट में हैं। यह संकट खुद उन्होंने पैदा किया है। कुछ अपवाद भी हैं, ऐसे राजनीतिज्ञों के जो न तो परेशानी में हैं और न विवाद में। इसके लिए हम भगवान के शुक्रगुजार हैं। पर ऐसे अपवाद बहुत कम हैं।...
More »मनमोहन पीएसी के सामने पेश होने को तैयार
नई दिल्ली। स्पेक्ट्रम घोटाले की जेपीसी जांच कराने की विपक्ष की मांग के जवाब में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद की लोक लेखा समिति [पीएसी] के समक्ष पेश होने की अभूतपूर्व पेशकश करते हुए सोमवार को कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन के दूसरे दिन सिंह ने कहा, ' पिछले साढ़े छह साल से इस महान देश के प्रधानमंत्री के...
More »राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव
सुरेंद्र मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...
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