कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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चीन और अमेरिका में मांग बढ़ने से कॉपर 8फीसदी महंगा
वैश्विक आर्थिक संकट खत्म होने के संकेतों से चीन, अमेरिका, जर्मनी सहित भारत में कॉपर की औद्योगिक मांग बढ़ने से लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में इसकी कीमतों में आठ फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जानकारों के अनुसार यूरो के मुकाबले डॉलर के कमजोर पड़ने के कारण भी एलएमई में कॉपर की कीमतों में तेजी को बल मिला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में भी...
More »एक साल में चावल 13% और गेहूं 4% महंगा
नई दिल्ली : पिछले एक साल के दौरान कमोडिटीज की कीमतों में जिस तरह बढ़ोतरी दर्ज की गई है उससे आने वाले वक्त में गरीबों के लिए जरूरी वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को इन वस्तुओं का वितरण तंत्र बेहतर बनाने की जरूरत होगी। एसोचैम ईको पल्स स्टडी में कहा गया है कि मांग और आपूर्ति में मौजूद अंतर की वजह से पिछले साल अगस्त से इस साल...
More »चावल आयात को कर मुक्त बनाएगी सरकार
नई दिल्ली : देश के करीब आधे हिस्से के सूखे की चपेट में आने के बाद खाद्यान्न की सप्लाई के मोर्चे पर सरकारी सतर्कता बढ़ती दिख रही है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने चावल पर आयात शुल्क खत्म करने का मन बना लिया है ताकि घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई बढ़ाई जा सके। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि खाद्य मामलों पर वित्त मंत्री...
More »किसान और आत्महत्या
खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3% साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7% तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...
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