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प्रदूषण भीतरी दिल्ली में कम, बाहरी में ज्यादा

दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। ऑड-ईवेन योजना का असर शहर की सड़कों पर साफ दिख रहा है। कारों की संख्या बेहद कम दिखी लेकिन इस योजना का वैसा असर प्रदूषण के आंकड़ों पर नहीं दिख रहा। शहर के विभिन्न स्थानों पर शनिवार को हवा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य से ढाई गुना तक अधिक पायी गयी। खासकर सीमावर्ती इलाकों में प्रदूषण में ज्यादा कमी नहीं दिख रही। सूबे...

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रोजगारपरक हो शिक्षा प्रणाली-- मोनिका शर्मा

अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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शौचालय निर्माण का लक्ष्य 2300, पांच माह में बन पाए केवल 222

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर शौचालय का सपना मुख्यमंत्री के गृह जिले के कवर्धा शहर में पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। प्रधानमंत्री के मंशानुरूप गांव-शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने का प्रयास किया तो जा रहा है, लेकिन इस प्रयास में नगर पालिका कवर्धा काफी पीछे है। नगर पालिका कवर्धा को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए शहर में 2300 शौचालय का निर्माण किया जाना...

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एक जरूरी कानून

निश्चित ही कानून की नजर में सभी व्यक्ति समान हैं, लेकिन कानून तक सब लोगों की पहुंच एक-सी नहीं होती. अगर कोई व्यक्ति या समूह सामाजिक रूप से कमजोर है, तो उसके इंसाफ पाने की संभावना क्षीण हो जाती है. करीब 25 साल पहले इसी सोच से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम नामक कानून बना था. जातिगत उत्पीड़न का संज्ञान लेने और पीड़ित के प्रति पर्याप्त...

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