मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि केंद्र को फसल के भंडारण के प्रति गंभीरता से सोचना होगा और इस समस्या को हल करने के लिए नए गोदाम बनाए जाने चाहिए। वह सोमवार को गांव पोजेवाल में संगत दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के साथ धोखेबाजी कर रहा है। केंद्र राज्य से टैक्स के रूप में ज्यादा रुपये इकट्ठे कर रहा है,...
More »SEARCH RESULT
जोहार से बदलेगी किसानों की तकदीर
रांची. जोहार शब्द अब केवल अभिनंदन का पर्याय ही नहीं रहेगा। यह शब्द गरीबों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। झारखंड सरकार ने गरीबों के उत्थान के लिए जोहार (झारखंड अपॉच्र्युनिटी फॉर हाउसहोल्ड एग्रीकल्चर एंड एलायड रिस्यूरजेन्स) नाम से एक योजना शुरू की है। इसके लिए केंद्र सरकार धन उपलब्ध कराएगी और राज्य सरकार लाभुकों का चयन करेगी। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ऐसे...
More »एक कलेक्टर करोड़पति, 13 लखपति : ललित शर्मा
जयपुर. अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की संपत्ति की घोषणा के अनिवार्यता के तहत अभी तक 19 कलेक्टरों ने संपत्ति की घोषणा की है। इनमें से एक कलेक्टर करोड़पति हैं, जबकि 13 लखपति। पांच कलेक्टरों के पास अचल संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं है। 7 कलेक्टरों ने अभी तक घोषणा नहीं की है। कार्मिक विभाग की जारी सूचना के अनुसार बाड़मेर में तैनात गौरव गोयल के पास 1.03 करोड़ की संपत्ति है। इनमें...
More »आबादी बढ़ी, सिमटता गया योजनाओं का दायरा
सीकर. सीकर जिले की आबादी हर साल दो लाख 67 हजार तो बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती आबादी के बीच जिन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत हैं, वो आज भी नहीं मिल पाई है। बात चाहे सड़क की हो, पेयजल निकासी की या फिर पार्किग व स्ट्रीटलाइट की। यह स्थिति हमें इसलिए भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि हर जेब में मोबाइल, घरों में टीवी, फ्रिज और वाहन की सुविधा लगातार...
More »राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी
सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
More »