केरल से चले मॉनसून पर मध्य भारत पहुंचते ही ब्रेक लग गया है और बीते 13 जून से वह आगे ही नहीं बढ़ पाया है. माना जा रहा है कि पिछले आठ साल में यह पहली बार है, जब मॉनसून कहीं ठिठक गया हो. लेकिन, पिछले साल भी थोड़े समय के लिए ऐसा हुआ था. अब तक तो पूरे मध्य भारत में मॉनसून पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन अब इसके...
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'बीते एक साल में 20 लोगों की भुखमरी से मौत, सभी वंचित तबके के'-- रोजी रोटी अधिकार अभियान
उत्तर कर्नाटक के नारायण, झारखंड के रूपलाल मरांडी, बरेली की सफीना अशफाक और ओड़ीशा के कुंदरु नाग के बीच क्या समानता हो सकती है ? शायद, कोई नहीं- सिवाय इसके कि ये सभी समाज के वंचित वर्ग के हैं और इन सबकी मौत पिछले एक साल के दौरान भुखमरी के कारण हुई तथा इन सभी को एक ना एक कारण से पीडीएस से अनाज नहीं मिल सका.(पिछले एक साल के...
More »सिमडेगा में मृत बकरी का मांस खा दो लोग एंथ्रेक्स के हुए शिकार
स्वास्थ्य विभाग ने गठित की थी जांच टीम, पड़ताल के बाद विभाग को सौंपी गयी रिपोर्ट रांची : सिमडेगा में मृत बकरी की मांस खाने से दो लोगों को एंथ्रेक्स बीमारी हुई. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है और लोगों से मृत जानवरों का मांस नहीं खाने की सलाह दी है. गौरतलब है कि समाचारपत्रों में सात जून को...
More »नई जमीन तलाशती राजनीति-- बद्रीनारायण
चुनावी राजनीति में कई बार छोटी दिखने वाली राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक शक्ति महत्वपूर्ण हो उठती है। लोकतांत्रिक संयोग उसे सहसा महत्वपूर्ण बना देता है। कुछ सप्ताह पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव का पूरा विमर्श दो दलों- कांगे्रस और भाजपा पर केंद्रित था। चुनाव के बाद उपजी स्थितियों के कारण सहसा जनता दल (सेकुलर), जो तीसरे नंबर की पार्टी थी, महत्वपूर्ण हो उठी। इस घटना का दूसरा महत्वपूर्ण निहितार्थ राष्ट्रीय स्तर...
More »सिल्ली : घर में नहीं है अनाज, योजनाओं का भी नहीं मिल रहा लाभ
सिल्ली : कोई भूखा न रहे. किसी की भूख से मौत न हो. इसके लिए सरकार जितनी गंभीरता बरत ले, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है. एक ऐसा ही मामला सिल्ली प्रखंड के मुरी पश्चिमी पंचायत के तिरला गांव में देखने को मिला. जहां अकेले रह रहे कार्तिक महली (63 वर्ष) के घर में अनाज नहीं है. कमजोरी के कारण...
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