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यूपी में कोरोना से घुटती सांसे :13 दिन में तीन गुना बढ़ी ऑक्सीजन की मांग, 82 फीसदी जोखिम पर घरों में आइसोलेट

-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि कोविड और गैर कोविड मृतकों की अत्येंष्टि निशुल्क और सम्मान के साथ किया जाए। सरकार का यह निर्देश तब आया है जब पंचायत त्रिस्तरीय चुनावों के बाद गांवों में कोविड संक्रमण के मामलों और मृत्यु में बढोत्तरी का अंदेशा पैदा हो गया है। उत्तर प्रदेश में मृतकों की संख्या और ऑक्सीजन की मांग दोनों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश...

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हिंदुओं को आँकड़ों में बदलने का षड्यंत्र क्या है? क्यों है?

-सत्यहिंदी,  हिंदुओं को आँकड़ों में बदल कर या उन्हें मात्र एक जनसंख्यात्मक समूह की इकाई में शेष करके उन्हें व्यक्ति के तौर पर किसी अधिकार की इच्छा से वंचित किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री कहता है कि आँकड़ों का खेल न खेलें, इससे मुर्दा ज़िंदा नहीं हो जाएँगे तो वह क्या कहना चाहता है? क्यों मारे जा रहे लोग गिनती में नहीं लिए जा रहे हैं? आप मुझे किसी...

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"हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं"

-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मैदान में उतरे तो हालात की उत्तेजना और बढ़ गई. एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने राज्य सरकार पर - जो एक विपक्षी दल के हाथ में थी - आरोप लगाया कि वह श्मशानों की तुलना में कब्रिस्तानों पर अधिक खर्च करके मुसलमानों को खुश कर रही है....

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गांवों में गहराता कोरोना संकट: उत्तर प्रदेश में 97409 राजस्व गांवों में जांच के लिए अभियान

-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद स्थिति अभी तक बेकाबू है। जारी लॉकडाउन के बीच पंचायत चुनाव परिणाम के बाद जगह-जगह लोग जीत का जश्न मना रहे हैं। वहीं, अब भी कई ग्रामीण सीटों के परिणाम आना बाकी हैं, जिसका पटाक्षेप 4 मई को होगा। प्रदेश में लागू आंशिक लॉकडाउन न तो प्रभावी है और न ही गांवों में भीड़ की स्थिति सुधर रही...

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प्रेस की आज़ादी का सवाल अब पत्रकार बिरादरी की चौहद्दी के भीतर हल नहीं हो सकता

-जनपथ, अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत 142वें स्थान पर है। वर्ष 2016 से भारत की रैंकिंग में जो गिरावट प्रारंभ हुई थी वह अब तक जारी है। तब हम 133वें स्थान पर थे। आरएसएफ के विशेषज्ञों ने भारत के प्रदर्शन के विषय में अपनी टिप्पणी को जो शीर्षक दिया है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है- “मोदी टाइटेन्स हिज ग्रिप ऑन द मीडिया“। यह टिप्पणी निम्नानुसार...

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