SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1784

32 करोड़ की सरकारी व कृषि भूमि पर बन रही थी अवैध कॉलोनी

ग्वालियर। शहर में धड़ल्ले बन रही अवैध कॉलोनियों का रैकेट तोड़ने जिला प्रशासन ने बुधवार को तीन अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई की। कुल 32 करोड़ (22 करोड़ की सरकारी और 10 करोड़ की कृषि भूमि) जमीन पर अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही थीं, जिसे प्रशासन ने मुक्त कराया। कार्रवाई के दौरान पद्मपुर खेरिया पर तहसीलदार अनिल राघव ने फोन पर एक भू-माफिया का स्टिंग भी किया, जिसमें भू-माफिया ने तहसीलदार...

More »

कीमतें कम हों या ज्‍यादा नुकसान हमेशा किसान का-- अमित मोहन प्रसाद

हाल ही में अरहर की दाल की कीमतें 200 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचीं। उपभोक्‍ताओं के अलावा सरकार को भी नहीं समझ आया कि वे क्‍या करें। बहुत पुरानी बात नहीं है, जब प्‍याज की ऊंची कीमतों ने आम लोगों के आंसू निकाल दिए थे। इन दोनों ही मामलों में बिचौलियों और दुकानदारों ने जमकर मुनाफा कमाया। लेकिन‍ किसी ने सोचा कि किसानों को क्‍या फायदा मिला? दाल और...

More »

किसमें कितना है दम-- कोका-कोला और ग्राम पंचायतों की जंग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी अखाड़े के रुप में पिछले साल सुर्खियों में रहा बनारस इस साल जनसंघर्षों के कारण चर्चा में है.   इलाके के 18 ग्राम पंचायतों ने उत्तरप्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि मेहदीगंज स्थित कोका-कोला संयंत्र को भूजल के दोहन से तत्काल रोका जाय.(देखें नीचे दी गई लिंक).   भूजल के दोहन की मांग करने वाले ग्राम पंचायत मेहदीगंज स्थित कोका-कोला बॉटलिंग संयंत्र...

More »

कम भयावह हो सकती थी उत्तराखंड की आपदा-- सीएजी की रिपोर्ट

भारी बारिश और बाढ़ की मार झेलते आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में हुई जनहानि की खबरों के बीच सीएजी की एक रिपोर्ट 2013 की प्राकृतिक आपदा के बारे में आयी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में विकास-कार्यों में वन और पर्यावरण मंत्रालय, ग्लेशियर केंद्रित विशेषज्ञ समिति सहित कई अन्य एजेंसियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई.   रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में निर्माण-कार्यों के दौरान निकले अपशिष्ट के निपटान के बारे में...

More »

इन्क्लूसिव मीडिया-यूएनडीपी फेलोशिप : परिणाम घोषित!

  इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फेलोशिप 2015 के लिए हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के सात पत्रकारों का चयन किया गया है. ये पत्रकार दिल्ली, चंडीगढ़, झारखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के हैं. चयनित पत्रकार अपने दैनंदिन के पत्रकारीय कामों से छुट्टी लेकर हाशिए के समुदायों के बीच कुछ समय बितायेंगे और इन समुदायों की चिन्ता और सरोकारों को रेखांकित करने के प्रयास करेंगे जिन्हें व्यापक कवरेज और लोगों की नजर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close