खबर है कि गए सालों में हमारे देश में बाघों की तादाद बढ़ी है, लेकिन खबर यह भी है कि इस दौरान 0 से 6 साल की उम्र की बच्चियों की तादाद तेजी से घटी है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है और आरक्षित श्रेणी में आता है। पर उसकी खाल, हड्डी, दिल, गुर्दा सबको एशियाई बाजारों में भारी मुनाफे पर बेचा जा सकता है इसलिए पिछले सालों में लालची तस्करों...
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ओबीसी आयोग का गठन--- सुभाष गताडे
दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी का नाम पिछले दिनों अचानक सुर्खियों में आया, जब यह अधिसूचना जारी हुई कि राष्ट्रपति ने उन्हें अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के वर्गीकरण की पड़ताल के लिए बने आयोग का मुखिया बनाया गया है. आयोग में उनके अलावा तीन और सदस्य होंगे तथा सामाजिक न्याय मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव इसके सचिव होंगे. इस आयोग को बारह सप्ताह के अंदर...
More »औपनिवेशिक दंश झेलती जनजातियां-- प्रमोद मीणा
वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। मुख्यधारा के समाजों से दूर रहने वाली इन जनजातियों को पुश्तैनी रूप से अपराधी मानते हुए उन्हें गैर-जमानती अपराध के दायरे में ला दिया गया। इन जनजातीय समुदायों में थे बावरिया, पारधी, कंजर, सांसी, बंजारा, गरासिया, सहरिया आदि। ये...
More »महिला आरक्षण पर हो गंभीर चर्चा - डॉ. एके वर्मा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के लिए पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मुद्दे को एक बार फिर राष्ट्रीय विमर्श के केंद्र में लाने की कोशिश की है। इस विधेयक को राज्यसभा मार्च 2010 में पारित कर चुकी है, लेकिन लोकसभा से पारित होने की नौबत नहीं आ रही है। सोनिया गांधी के अनुसार मोदी को अपने दलीय बहुमत...
More »सिस्टम के दीमक ने कर दिया आदर्श ग्राम योजना को विफल-- सुरेन्द्र किशोर
कुछ अपवादों को छोड़ दें तो महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना अंततः कुल मिलाकर विफल हो गयी. ऐसा इस बात के बावजूद हुआ कि इस देश में करीब-करीब हर राज्य में केंद्र और राज्य सरकार की करीब सवा दो सौ विकास और कल्याण की योजनाएं चलती हैं. केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि इन्हीं योजनाओं के पैसों से गांवों को आदर्श बनाया जायेगा. पर, ये पैसे इस...
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