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सहकारी संघवाद चलाना मुश्किल -- संदीप मानुधने

आज के राजनीतिक विवादों (विशेषकर नोटबंदी के बाद के संघर्ष) को देखें, तो सवाल उठता है कि भारत संघात्मक है या एकात्मक? इसका विश्लेषण इतिहास, संविधान और आर्थिक वास्तविकताओं को समझने से हो सकेगा. सहयोगी संघवाद (कोआॅपरेटिव फेडेरलिज्म) वह दृष्टिकोण है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य सरकारें साझा समस्याओं को सुलझाने के लिए परस्पर सहयोग करती हैं. इसके सफल परिचालन के लिए शक्तियों का एक संघीय संतुलन निर्मित करना...

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आखिर क्यों जल उठा बेंगलुरु-- आर सुकुमार

वह 2000 के दशक का शुरुआती वर्ष था। इंफोसिस लिमिटेड ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के अपने कैंपस में एक शानदार विंग बनाई ही थी, तब मैं कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन एन आर नारायण मूर्ति से मिलने गया था। हम जब कैंपस घूम रहे थे, और कारोबार व लोगों और लगभग हरेक इमारत के स्वागत कक्ष में रखे रंग-बिरंगे चमकीले छातों के बारे में बातें कर रहे थे, तब उन्होंने...

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जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल

आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...

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शिक्षा में संवैधानिक मूल्यों से पलायन-- बीरेन्द्र सिंह रावत/फिरोज अहमद/मनोज चाहिल

नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अवकाश-प्राप्त कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में जो पांच सदस्यीय समिति 31 अक्टूबर 2015 को गठित की गई थी, उसने 30 अप्रैल 2016 को दो सौ तीस पृष्ठों की एक रपट मंत्रालय को सौंपी। यह एक राज ही रहा कि सरकार ने आखिर क्यों उस रपट को सार्वजनिक नहीं किया, जबकि उसकी विषयवस्तु न सिर्फ गोपनीय नहीं...

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ये किसके बच्चे हैं-- कैलाशचंद्र कांडपाल

शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कई धारणाएं व्याप्त हैं। एक विशेष धारणा इनके परिवारों को लेकर मौजूद है। इसके तहत यह कहा जाता है कि इनके अभिभावक शिक्षा के प्रति सजग नहीं हैं। ये बच्चे सीखना नहीं चाहते और इनको सिखाना असंभव नहीं तो बेहद चुनौतीपूर्ण है, ये स्कूल में अनियमित रहते हैं आदि। ये बातें...

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