बिलासपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बैगा परिवारों को विस्थापित करने के खेल में वन विभाग ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। लोरमी के कठमुडा में 74 बैगा परिवारों को विस्थापित कर बसाया गया है। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि में से प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए मिलने थे, जिसमें उन्हें घर, खेत, अन्य सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि दी जानी...
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‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
More »अधूरी तैयारियां - उपेंद्र प्रसाद
आखिरकार खाद्य सुरक्षा कानून अब हकीकत बनने जा रहा है। आजादी के बाद का संभवतः यह सबसे महत्वाकांक्षी कानून है, जिसका उद्देश्य देश के लोगों को भोजन उपलब्ध होने की गारंटी प्रदान करना है। इसके दायरे में ग्रामीण इलाके की 75 फीसदी और शहरी इलाके की 50 फीसदी आबादी रखी गई है और मान लिया गया है कि जिनको दायरे में नहीं रखा गया है, वे अपनी खाद्य सुरक्षा करने में...
More »खेती को कमजोर करने की साजिश- अनिल जोशी
खेती को लेकर अब छोटे और मध्यम किसानों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे किसानों में अपने खेत बेचकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 98.2 प्रतिशत किसानों की आनेवाली पीढ़ियों में किसानी के प्रति कोई रुचि नहीं है। निश्चय ही यह चिंता का विषय होना चाहिए। किसानों के बच्चों की...
More »किसके हक में- वंदना शिवा
तमिलनाडु के कुडनकुलम में बन रहे परमाणु बिजली संयंत्र के विरोध ने एक बार फिर परमाणु ऊर्जा को लेकर पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने संयंत्र को पूरी तरह सुरक्षित बताया है, लेकिन परमाणु सुरक्षा का मसला सिर्फ विशेषज्ञों द्वारा तय किया जाने वाला मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक मुद्दा है। यह पारिस्थितिकी से जुड़ा ऐसा मुद्दा है, जिसमें प्रकृति...
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