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कोरोना वायरस ने रेगिस्तान के सामने जो संकट खड़े किये हैं वे यहां के हिसाब से भी अभूतपूर्व हैं

-सत्याग्रह, भारत मे कोरोना वायरस के कारण आम इंसान तकलीफ़ में हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक इसकी चपेट में करीब चार हजार लोग आ चुके हैं जिनमें से डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन इस तकलीफ़ के सबसे बड़े शिकारों में लाखों बेजुबान भी शामिल हैं. कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों का सबसे बुरा असर राजस्थान ओर गुजरात के लाखों पशुओं और पशुपालक...

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लॉकडाउन में फंसे मधुमक्खी पालक, भूख और गर्मी से मर रहीं हैं मधुमक्खियां

-गांव कनेक्शन, कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से हम और आप ही नहीं मधुमक्खियां भी अपने घरों (बॉक्स) में कैद होकर रह गई हैं। ज्यादातर मधुमक्खियों के लिए ये माइग्रेशन (एक जगह से दूसरी जगह जाने) का टाइम था। जिसके चलते करोड़ों मधुमक्खियां मरने के कगार पर पहुंच गई हैं। अगर ये मधुमक्खियां सही समय पर अपने अनुकूल भोजन और जलवायु इलाके में न पहुंची तो तो न सिर्फ भारत में...

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संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढ़ियों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं

-इंडिया टूडे, बीसवीं सदी की महामंदी, 1991 के भारतीय आर्थिक संकट और 2008 की ग्लोबल बैंकिंग आपदा का इतिहास हमें कुरेद-कुरेद कर बताता है कि अंतत: वही जीतते हैं जो एक अच्छी आपदा को बर्बाद नहीं करते. संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढि़यों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं. बड़े बदलाव के लिए किसी बड़े संकट का इंतजार था तो मुराद अब पूरी हो गई है. संकट में...

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सोनिया गांधी की पीएम मोदी से अपील- गरीबों को जून नहीं सितंबर तक मुफ्त में अनाज दें

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पत्र लिखा है. कांग्रेस अध्यक्ष इस पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को सितंबर 2020 तक सरकार मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाए. बीते महीने लॉकडाउन की घोषणा के बाद मोदी सरकार ने जून 2020 तक गरीबों को मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की थी. सोमवार को लिखे...

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ग्रामीण भारत में कोरोना : फसल बेचने में असमर्थ बंगाल के किसानों पर बढ़ रहा है क़र्ज़ का बोझ

-न्यूजक्लिक,  गोपीनाथपुर, कृष्णपुर और सर्पलेहना गाँव पश्चिम बंगाल राज्य के तीन अलग-अलग कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित हैं। किस मात्रा में सिंचाई की उपलब्धता है, उसी अनुपात में जमीन में खेती-बाड़ी की जा सकती है जो कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग है। गोपीनाथपुर बांकुरा क्षेत्र के कोटुलपुर ब्लॉक में पड़ता है, जो कि कृषि क्षेत्र के लिहाज से पश्चिम बंगाल के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक है। दूसरी और नादिया जिले...

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