जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
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खाद्यान्न की जरूरत सरकारी खरीद से ज्यादा
नई दिल्ली। प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत देश के कम से कम 75 प्रतिशत आबादी को इसके दायरे में लेने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की सिफारिशों को लागू करने हेतु संप्रग सरकार को हर साल करीब 6.2 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। खाद्यान्नों की आवश्यकता सरकार के द्वारा पिछले वर्ष की गई 5.4 करोड़ टन की खरीद से कहीं अधिक है। हाल में संप्रग अध्यक्ष...
More »आमजन पर महंगाई का असर नहीं: पवार
जयपुर. एक ओर आम जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है तो दूसरी ओर कृषि मंत्री का तर्क है कि आम जनता पर महंगाई का कोई असर नहीं पड़ा है। क्योंकि वर्ष 2002 के बाद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार के चलते अगले माह से बाजार में चीनी की दर कम...
More »वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन- मौजूदा हालात
एफएओ का कहना है कि साल 2010-2011 में अनाज के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त( 2279.5 ) होने की संभावना है लेकिन बुरी खबर यह है कि सूखे की मार झेल रहे रूस में इस साल गेहूं के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन एक करोड़ ३० लाख टन कमी आने की आशंका है। साल 2008-09 में रूस में 63.7 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल आशंका है...
More »राशन प्रणाली दुरुस्त करें राज्य: प्रणब
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आम आदमी को महंगाई से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकारों को अपनी राशन प्रणाली दुरुस्त करनी चाहिए। खाद्यान्न सुरक्षा की गारंटी के लिए प्रस्तावित कानून भी तभी कारगर हो पाएगा। इसमें राज्यों की जिम्मेदारी अधिक है। राज्य सभा में महंगाई पर चर्चा का जवाब देते हुए मुखर्जी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि...
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