अहमदाबाद: खाद्य और पेय पदार्थ बनाने वाली अमेरिकी कंपनी पेप्सिको इंडिया ने गुजरात के तीन किसानों के ख़िलाफ़ आलू के एक ख़ास किस्म की खेती कराने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. यह मामला पिछले हफ़्ते का है. कंपनी का दावा है कि ये किसान अवैध तौर पर आलू की इस ख़ास किस्म को उगा और बेच रहे हैं, जिसे उगाने के लिए कंपनी ने विशेष तौर पर अधिकार प्राप्त कर...
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तमिलनाडु में महात्मा की चमक-- रामचंद्र गुहा
महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...
More »कृषि जोतों के आकार में कमी चिन्ता का सबब: नई कृषि जनगणना
खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...
More »किसानों की नाराजगी का नतीजा-- नीरजा चौधरी
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने किसानों को फिर से राजनीति के केंद्र में ला दिया है। संदेश साफ है कि खेती-किसानी के हित में हमारे नेताओं को अब गंभीरता से सोचना ही होगा। जनादेश बता रहा है कि लोग अब अपनी जरूरतों को अहमियत देने लगे हैं। खासतौर से नौकरी और आमदनी उनके लिए महत्वपूर्ण सवाल बनकर उभरे हैं। इसीलिए चुनावों में उन्होंने अन्य सभी ‘इमोशनल' मुद्दों को किनारे...
More »गांवों-शहरों का बुनियादी ढांचा-- वरुण गांधी
अहमदाबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भावनगर के किसान स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने गांव को शहरी सीमा में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा ही विरोध सूरत, हिम्मतनगर और मोरबी-वांकानेर के करीबी गांवों में भी देखने में आया है. यह असामान्य रुख है. ऐसा लग रहा है कि शहरीकरण के फायदों को ठुकराया जा रहा है. इस दौरान, भारत के शहरी...
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