-न्यूजक्लिक, हम अपने देश के इतिहास में सबसे डरावनी घटना के गवाह बने हैं। इस डरावनी घटना को एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने घरों में वापस लौटते मज़दूरों के दृश्य बयां कर रहे हैं। अनुमान है कि लॉकडाउन के चलते 2,71,000 फैक्ट्रियों और साढ़े छ: से सात करोड़ लघु और सूक्ष्म धंधे रुक गए, जिसके चलते करीब़ 11 करोड़ चालीस लाख नौकरियां चली गईं। इसमें 9 करोड़ 10 लाख...
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बाहुबलियों- नेताओं और पुलिस के सांठ-गांठ को लेकर ऐसा क्या है एनएन वोहरा कमिटी की रिपोर्ट में जिसे सार्वजनिक नहीं कर रही है सरकार
-द प्रिंट, कानपुर में पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या की घटना के बाद एक बार फिर संगठित अपराधियों, माफिया, नेताओं और पुलिस तथा प्रशासन की सांठगांठ की ओर इशारा कर रही है. यह कितना आश्चर्यजनक है कि एक अपराधी की तलाश में पुलिस दबिश करती है और इसकी सूचना पहले ही लीक हो जाती है, नतीजा संगठित तरीके से पुलिस पर गोलीबारी के रूप में होता है. अब समय आ गया है कि...
More »राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद
-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...
More »आईसीएमआर या मंत्री-समूह की बैठकें नहीं, कोई ब्रीफिंग नहीं- कोविड मामलों में उछाल के बीच ‘पीछे हटती’ मोदी सरकार
-द प्रिंट, कोविड-19 पर मंत्री समूह (जीओएम) की आख़िरी बैठक, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने की थी, 9 जून को हुई थी. कोरोनावायरस संकट पर स्वास्थ्य मंत्रालय की आख़िरी ब्रीफिंग, उसके दो दिन बाद 11 जून को हुई थी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टास्क फोर्स की आख़िरी बैठक को, दो हफ्ते से ज़्यादा हो गए हैं. इधर भारत में कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़कर 4,73,105...
More »श्वेत-अश्वेत' महज प्रचलन या नस्लवाद का वर्चस्व?
-न्यूजलॉन्ड्री, अमेरिका में पुलिसिया दमन से मारे गए जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. हर ज़ुबान में बहुत कुछ लिखा जा रहा है. हिन्दी में भी टिप्पणियों और लेखों का अंबार है. पश्चिमी मुल्कों में पिछले कई सालों से चल रहे आंदोलन 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को लेकर हिन्दी में कैसे लिखा जाए, यह एक समस्या है. 'ब्लैक' लफ्ज़ ही समस्या है....
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