भारत में 'रिकॉर्ड्स' बनाने या रखने का बहुत शौक है. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में घुसने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं. लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ जाते हैं, पांच कुंतल का लड्डू बनाते हैं, तो दस फुट की अपनी मूंछ बढ़ा लेते हैं. आजकल भारत सरकार एक और रिकॉर्ड की तलाश कर रही है- सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था. और पिछले कुछ सालों में इस रिकॉर्ड...
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मजदूर दिवस पर बोले ज्यां द्रेज़- NREGA को जिंदा रखने के लिए मजदूरी दर बढ़ाना जरूरी
मजदूर दिवस यानी मे डे के मौके पर सरकार कई दावे कर रही है. सरकारी आंकड़ों में कहा जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ रही है. लेकिन, जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका मानना है कि वास्तव में विकास की दर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार यह तय करती है कि देश कितनी तरक्की कर रहा है. ज्यां द्रेज़ सोनिया...
More »सेलेब्रिटी और न्याय की जद्दोजहद - अद्वैता काला
न्यायिक तंत्र के साथ सलमान खान का अभी हाल में जो पाला पड़ा है, उस पर तमाम टीका-टिप्पणियां हुई हैं। मसलन मशहूर हस्तियां यानी सेलेब्रिटी अगर ऐसे हालात में फंस जाएं तो उसके क्या फायदे-नुकसान हैं। इस पर लोगों की राय भी बहुत ज्यादा बंटी हुई थी। कुछ लोगों का मानना था कि उन्हें जेल में होना चाहिए तो कुछ लोगों की राय में उनके साथ कुछ ज्यादती हुई है...
More »जल संकट के लिए तैयार रहें-- आशुतोष चतुर्वेदी
र्मी शुरू हो गयी है. हम सब जानते हैं कि हर साल की तरह हमारे गांव, कस्बे और शहर पानी की कमी से जूझेंगे. लेकिन, इस विषय में हम तभी सोचते हैं, जब समस्या हमारे सिर पर आ खड़ी होती है. न तो सरकारों की ओर से कोई ठोस पहल होती है और न ही समाज की ओर से कोई अभियान छेड़ा जाता है. समस्या केवल कम बारिश की नहीं...
More »निजीकरण नहीं वनों का हो कायाकल्प-- रामचंद्र गुहा
पैंतालीस साल पहले अलकनंदा घाटी के ग्रामीणों ने जब जंगल से पेड़ काटकर ले जाने वालों को रोका, तो किसी ने सोचा न होगा कि यहीं से चिपको आंदोलन की नींव पड़ने जा रही है। एक ऐसा किसान आंदोलन, जिसने भारत में वनों के व्यावसायिक दोहन पर सबका ध्यान खींचा। चिपको आंदोलन का ही यह असर था कि वनाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी। गढ़चिरौली, बस्तर, सिंहभूम और पश्चिमी घाट सहित...
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